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*पंजाब: जालंधर विच "रुस्स" गए सारे "सखा-सहेली", नगर निगम ने फिर सील कर "दित्ती" विरासत से एंपायर बनी हवेली, विधायक की हिस्सेदारी का प्रचार करना भी पड़ा महंगा, पढ़िए और सुनिए "पॉलीटिक्ल सिंडीकेट" के मंुह पर पड़े थप्पड़ की गूंज*

By RAJESH KAPIL, Editor

Published on 14 Sep, 2022 07:08 PM.

          जय हिन्द न्यूज/जालंधर


बिल्ली को देखकर जैसे कबूतर आंखे बंद कर लेता हैं, संभवत: ऐसा ही शहर के कुछ राजनेताओं ने किया और कुछ दिन पहले नगर निगम की ओर से सील की मास्टर तारा सिंह नगर स्थित विरासत हवेली दोबारा खोल ली। भाजपा नेता इकबाल सिंह ढींढसा के नाम वाली विरासत हवेली को उनके ही पुराने यारों ने “पॉलीटिक्ल सिंडीकेट” का गठन करके एम्पायर हवेली के नए नाम से खोल लिया।

 


बीते कुछ महीनों से कानूनी माहिरों के दफ्तरों के सामने कानून की धज्जियां उड़ती रही और जब कार्रवाई का रूख तय हुआ तो एक बहुत बड़ी अड़चन नगर निगम टीम के समक्ष आ खड़ी हुई कि इस “पॉलीटिक्ल सिंडीकेट” में एक मौजूदा विधायक भी शामिल है। मामला आम आदमी पार्टी की विधायक मॉनिटरिंग कमेटी के समक्ष उठा तो तत्काल कार्रवाई का आदेश जारी हुआ। अत: आज नगर निगम की टीम ने कागजों में सील हवेली को दोबारा सील कर दिया।

 

 


याद करा दे कि विधानसभा चुनाव से पहले भी रिहायशी क्षेत्र में अवैध ढंग से स्थापित की पुराने नाम वाली विरासत हवेली को नगर निगम की टीम ने सील कर दिया था। काफी समय यह हवेली बंद रही क्योंकि बिना मंजूरी इसका संचालन नहीं किया जा सकता था। पार्किंग न होना मुख्य वजह थी। मगर कुछ महीने पहले एकाएक इस विवादित हवेली को कुछ राजनेताओं ने एकत्र होकर खोल दिया।

 


जैसा कि इस सील हवेली को नाम बदलकर एम्पायर हवेली के नाम से दोबारा खोलने के समय नेताओं को बुलाकर फोटो सैशन किया गया था। मजे की बात यह कि इन नेताओं में लगभग सभी दलों के नेताओं को शामिल करके नगर निगम के अफसरों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अब इस तरफ नहीं देखना। मगर समय बड़ा बलवान है और समय एक जैसा नहीं रहता इसलिए “ई तो साला होना ही था”

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