Latest News

*"Anti Corruption" के मुद्दे पर चुनाव जीती आम आदमी पार्टी के शासन में भी हुई Corruption, जालंधर में बिना टैंडर के बंद कमरे में चहेते ठेकेदार को दिया करोड़ों का ठेका, विजीलैंस ब्यूरो को शिकायत की तैयारी में विपक्ष*

By RAJESH KAPIL, EDITOR

Published on 24 Aug, 2022 02:30 PM.

             जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 

पंजाब में Anti Corruption" के मुद्दे पर चुनाव जीती आम आदमी पार्टी के राज में भी धड़ल्ले से Corruption होने लगी है और बड़े-बड़े दावे करने वाली Bhagwant Maan सरकार शोर मचने पर भी खुद संज्ञान नहीं ले रही है। मगर विपक्ष मामला विजिलेंस ब्यूरो के पास ले जा रही है।

 

 

स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों में करोड़ों के घोटालों की जांच पूरी हुई नहीं कि नगर निगम जालंधर के अफसरों पर अब विज्ञापन टेंडर में धांधली के आरोप लगे हैं। खबर यह है कि बंद कमरे में बिना किसी ई-टैंडर के ही करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया गया।

 

 

 

सूत्र बताते है कि नगर निगम कमिश्नर दविंदर सिंह इसके पक्ष में नहीं थे, बावजूद इसके एक चहेते ठेकेदार को हर महीने लाखों रुपए फायदा पहुंचाने के मकसद ये गलत काम किया गया।

 

 

नगर निगम के अधिकारियों ने बिना ई-टेंडरिंग और ई-नीलामी करवाए मॉडल टाउन जोन के 26 यूनिपोल्ज का ठेका बंद कमरे के अंदर जालंधर की नई कंपनी कंपैक्ट एडवरटाइजिंग को देते हुये पंजाब सरकार की आउटडोर विज्ञापन पॉलिसी पर बड़ा बट्टा लगाया है। निगम की ओर से नियमों की अनदेखी की शिकायत निकाय मंत्री और चंडीगढ़ में बैठे उच्च अधिकारियों को कर दी गई है।

 

 


जानकारी के मुताबिक इसी साल मार्च में विज्ञापन ठेका खत्म होने के बाद पुरानी क्रिएटिव कंपनी को 10 प्रतिशत बढ़ाकर नया ठेका दे दिया गया था, लेकिन अब नई कंपैक्ट कंपनी को रेट बढ़ाकर बंद कमरे में ठेका अलॉट कर दिया। सूत्रों के मानी तो यह ठेका 5 साल के लिये लगभग 5 करोड़ रुपये में हुआ है जबकि कुछ कंपनियां ऐसी भी थी जो इससे ज्यादा ऑफर कर रही थीं।

 

 


आपको बता दें कि साल 2018 में सरकार द्वारा जारी आउटडोर एडवरटाइजिंग पॉलिसी में प्रावधान है कि नगर निगम हाउस से प्रस्ताव की मंजूरी के बाद टेंडर या ई-ऑक्शन के माध्यम से विज्ञापन ठेका किसी को दिया जा सकता है।

 

 


बता दें कि साल 2017 में ​निगम ने क्रिएटिव डिजाइनर्स को मॉडल टाउन जोन के 59 यूनिपोल के विज्ञापन का ठेका 8.88 करोड़ में दिया था जो 5 साल के लिये था। ठेका कंपनी ने 26 यूनिपोल से कमाई की और बाद में हाईकोर्ट में केस कर 2019 के अंत में 33 और यूनिपोल लगाकर कमाई शुरु कर दी।

 

 


इसके बाद निगम अधिकायियों और पार्षदों में काफी विवाद हुआ था। टेंडर के अनुसार मार्च में 26 यूनिपोल के 5 साल को दिये ठेके की अवधि पूरी हो गई, जबकि बाद में लगाये 33 यूनिपोल का टेंडर 2024 तक पूरा होना है। तब मार्च में पूर्व कमिश्नर ने क्रिएटिव डिजायनर्स को ठेका दे दिया था लेकिन जुलाई के अंत में निगम कमिश्नर ने बगैर कोई टैंडर करयो क्रिएटिव​ डिजायनर्स से ठेका लेकर जालंधर की  एडवरटाइजिंह नाम की फर्म को दे दिया। जबकि ठेका के बेहतर रेट के लिये टेंडर के जरिये इच्छुक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा का प्रावधान है जिसे नजर अंदाज किया गया।

 

       *विज्ञापन टेंडर की ये हैं नियम और शर्तें*
सरकारी नियमों के मुताबिक सबसे पहले निगम किस जोन में कितने यूनीपोल्ज का ठेका देगा, उसकी लिस्टिंग होगी। निगम विज्ञापन ठेके के लिये ई-टेडरिंग और ई-ऑक्शन होगी। इसमें शहर या बाहर की कंपनियां अपनी कोटेशन पेश करेंगी। निगम ठेका शॉर्ट टर्म में 7 दिन और नॉर्मल तरीके से नीलामी में 21 दिन का समय देता है।

 


नगर निगम की ओर से दिये गये समय में विज्ञापन ठेके में टेंडर डालने वाली कंपनियां पेपर पूरे कर सकें। नगर निगम सभी कंपनियों के टेंडर रिव्यू करेगा और फिर ई-नीलामी होगी। ई-नीलामी में जो कंपनी ज्यादा राजस्व का ऑफर करेगी उसे ठेका दिया जायेगा। विज्ञापन पॉलिसी के तहत निगम हाउस में मंजूरी के बाद ठेका मिलता है।

 


*मेरी जानकारी में नहीं है – जगदीश राजा*
उधर, मेयर जगदीश राजा ने कहा है कि इस टैंडर के बारे में उन्हें कोई जानकारी नही हैं। बिना टेंडर के किसी भी कंपनी को ठेका देना नियमों के विरुद्ध है, ठेका कैसे और किसने दिया, किस ने कितने पैसे खाये इन सभी सवालों के जबाव कमिश्नर से देंगे। मुझे टेंडर के बारे में पता नहीं था लेकिन अब संज्ञान में आने के बाद हाउस में प्रस्ताव लाकर नया विज्ञापन ठेका रद्द करेंगे, क्योंकि इसमें किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया।

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663