जय हिन्द न्यूज/जालंधर
वीजा कंस्लटैंट के लाइसैंस पर एक युवक को नियमों का उल्लंघन करके जालंधर में अवैध आफिस खोलकर ऑस्ट्रेलिया की पीआर दिलाने का झांसा दिया और उसे ठगा। शिकायत मिलने पर जालंधर पुलिस ने लुधियाना के शातिर आरोपी ट्रैवल एजैंट आयुष जैन को एफआईआर दर्ज कर नामजद तो कर लिया लेकिन जमानत मिलने के बाद पंजाब सरकार उस पर खासी मेहरबान दिख रही है।
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर भी बेखबर है क्योंकि आरोपी के खिलाफ जालंधर में क्रिमिनल केस दर्ज है और वो चुपके से केस का ट्रायल फेस कर रहा है जबकि पंजाब सरकार के होम सैक्रेटरी आफिस से साल 2018 के दौरान एक सुर्कलर के जरिए स्पष्ट किया जा चुका है कि ट्रैवल एजैंट के खिलाफ एफआईआर होने के बाद उसका लाइसैंस सस्पैंड करके कैंसिल किया जाना जरूरी है अगर वो नियमों का भी उल्लंघन करता पाया जाए।
ताजा जानकारी मिली है कि माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल करने के बाद से आरोपी आयुष जैन लगातार ट्रायल कोर्ट की पेशी से कन्नी काट रहा था। विगत दिवस कोर्ट ने आरोपी आयुष जैन के पेश न होने पर पहले जमानत तो फिर गैर-जमानती वारंट भी जारी किए थे जिसके बाद आरोपी आयुष जैन ने गत दिवस जालंधर की कोर्ट में सरैंडर करके बेल बांड भरे है और अब उसके खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल शुरू हो गया है।
यहां बता दे कि पुलिस लाइन्स जालंधर के निकट वासल टावर में गिरनार ग्लोबल के नाम से एजुकेशन कंसलटेंसी आफिस का अवैध रूप से संचालन करते रहे लुधियाना के ट्रैवल एजैंट आयुष जैन के खिलाफ शहीद भगत सिंह नगर के गांव जेठूमजारा निवासी अजमेर सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 406, 420, इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24 और पंजाब प्रिवेंशन ऑफ ह्यूमन स्मगलिंग एक्ट 2012 की धारा 13 के तहत 09.12.2018 को मामला दर्ज किया था।
केस दर्ज होने के बाद से आरोपी आयुष जैन $काफी देर पुलिस रिकार्ड मुताबिक फरार रहा और पुलिस से छिपता रहा। निकटवर्ती उसके विदेश भाग जाने का कयास भी लगाते रहे हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी आयुष जैन ने करीब सवा साल बाद 5 मार्च 2020 को जमानत अर्जी दायर की जिस पर सुनवाई हुई लेकिन सैशन कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई थी मगर माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी जिसके बाद आरोपी आयुष जैन का जेल जाने का योग टूटा।
आरोपी आयुष जैन जालंधर में लुधियाना के लाइसेंस नंबर 687 पर काम कर रहा था जो कि भले उसी के नाम पर है लेकिन उस लाइसैंस पर जालंधर में काम करने के लिए जालंधर के प्रशासन को सूचित करना जरूरी था लेकिन आरोपी आयुष जैन ने अपने इस आफिस की जानकारी जालंधर के प्रशासन के साथ सांझा नहीं की जहां पी.आर दिलाने की ठगी का खेल खेला गया। उधर, जिला प्रशासन लुधियाना फिलहाल बेखबर है जिनको जल्द सपंर्क करके इस बाबत बयान लिया जाएगा।