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*जालंधर कांग्रेस का माइनर नेता मेजर सिंह भगौड़ा घोषित, नियमित पेशी से गैरहाजिर होने पर अदालत ने लिया कड़ा संज्ञान, जमानत भी कैंसिल की, पुलिस ने जारी की एलओसी, अवैध कालोनियां काटकर सरकारी राजकोष को लगा चुका है मोटा रगड़ा, पढ़िए किस केस में हुआ यह आदेश*

By RAJESH KAPIL

Published on 03 Aug, 2022 11:56 AM.

         जय हिन्द न्यूज/जालंधर


सिटी के माडल हाउस क्षेत्र से पार्षद चुनाव लडऩे वाले कांग्रेस के माइनर नेता मेजर सिंह का अब जेल जाने का वक्त आ गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट कम कांग्रेस नेता सिमरनजीत सिंह के साथ मारपीट के मामले में अंडर ट्रायल मेजर सिंह बीते काफी समय से कोर्ट की पेशी से गैरहाजिर चल रहा था। बीती तारीख 15 जुलाई और फिर 19 जुलाई की छोटी तारीख डालने के बावजूद भी पेश न होने पर अदालत ने आरोपी मेजर सिंह के खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया था।

 

 

ट्रायल कोर्ट को यकीन हो गया था कि आरोपी मेजर सिंह कानून का मजाक बनाने की कोशिश कर रहा है और जानबूझकर पेशी से कन्नी काटकर कोर्ट का समय खराब कर रहा है। अत: कोर्ट ने 19 जुलाई 2022 को आरोपी मेजर सिंह की रैगुलर जमानत कैंसिल करके गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे।

 

 

 

इस आधार पर शिकायतकर्ता ने सिटी पुलिस के पास पहुंच की जिस आधार पर थाना पुलिस ने फरार आरोपी मेजर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों के समक्ष पेश की जिस आधार पर उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। अब यह जनता की जिम्मेदारी बनती है कि फरार आरोपी मेजर सिंह जहां कभी दिखाई दे उसकी जानकारी तत्काल सिटी पुलिस को दे ताकि उसको समय रहते अदालत में पेश किया जा सके। 

 

 

जानकारी के मुताबिक फरार आरोपी ने अभी तक गिरफ्तारी से बचने के लिए कोई अग्रिम जमानत अर्जी दायर नहीं की है और न ही किसी कोर्ट या पुलिस के समक्ष सरैंडर किया है। सूत्रों का दावा तो यह भी है कि फरार आरोपी मेजर सिंह ने विदेश भागने की भी पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन ऐन वक्त पर उसको जानकारी मिली कि एयरपोर्ट पर पुलिस उसका बेसर्बी से इंतजार कर रही है जिसके चलते उसने विदेश भागने का इरादा फिलहाल टाल दिया है। अब देखना शेष होगा कि अवैध कालोनियां विकसित करके पंजाब सरकार के राजकोष को मोटा रगड़ा लगाने वाले फरार आरोपी मेजर सिंह की गिरफ्तारी को लेकर जालंधर पुलिस कितनी रूचि दिखाती है या फिर इसके लिए भी शिकायतकर्ता को ही मशक्त करनी पड़ती है।

 

 

 

गौरतलब है कि साल 2020 के दौरान पुडा आफिस के बाहर दोनों पक्षों का विवाद हो गया था। शिकाततकर्ता सिमरनजीत सिंह ने फरार आरोपी मेजर सिंह की अवैध कालोनियों के खिलाफ काफी सारी शिकायतें दे रखी थी जिसके चलते मेजर सिंह के मन में उसके प्रति रंजिश थी। शिकायतकर्ता सिमरनजीत सिंह का दावा है कि उस पर हमला किया गया था और बाद में पुलिस पर राजनीतिक दबाव बनाकर ब्लैकमेलिंग की झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी गई थी।

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