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*जालंधरः छात्र से ठगी मामले का मामला, रद्द होगी 'Cambridge Co-Ed School' की NOC अगर नहीं किया ऑटिज्म छात्र से जुड़े फिर फैसले का पालन, शिक्षा विभाग ने दी आखिरी Warning, पढ़िए खबर का अपडेट*

By RAJESH KAPIL

Published on 13 Jul, 2022 12:44 PM.

            जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 

मासूम के साथ ठगी, माता-पिता के साथ लूट और पकड़े जाने पर सुधरने की ताकीद मगर उसके बाद भी शिक्षा विभाग के आदेश को ठेंगा, भई यह तो बेशर्मी की हद है। ऐसी सोच के मालिक आखिर स्कूल में स्टूडेंट्स को किस स्तर की शिक्षा दे रहे होंगे, यह सवाल स्कूल प्रबंधन की प्रतिष्ठा पर आ बना है।

 

 

जी हां, वही मामला जो गत दिवस छोटी बारादरी स्थित Cambridge Co-Ed School की एक शिकायत के बाद सामने आया  था जिसमे एक ऑटिज्म बीमारी से ग्रस्त "Special Child" को पढ़ाई करवाने की फीस ऐंठ लेने वाले प्रबंधकों को शिक्षा विभाग ने ही गलत ठहराया था जिसका 6 जुलाई तक जवाब मांगा था। जिसके बाद अब जवाब न मिलने पर 3 दिन का Ultimatum दे दिया गया है और उसके पश्चात NOC रद्द की कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है।

 

 

 

                      "FLASH BACK"


गढ़ा रोड स्थित छोटी बारादरी स्थित इस स्कूल के प्रबंधन ने आटिस्म की बीमारी से पीड़ित युवक को न केवल बीते कई सालों से फीस के नाम पर ठगा बल्कि जब बात फीस लौटाने पर आई तो वसूली गई फीस भी लौटाने से इंकार कर दिया। कैम्ब्रिज स्कूल प्रबंधन की बेशर्मी की दास्तां यह भी कि मामला शिक्षा विभाग के पास भी गया था जहां स्कूल प्रबंधन को दोषी ठहराकर तत्काल स्टूडैंट के भविष्य की रक्षा यकीनी बनाने का आदेश जारी हुआ लेकिन प्रबंधन ने कान पर जूं तक नहीं रेंगी और अब शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन को दोबारा चेतावनी पत्र जारी हुआ है जिसके बाद स्कूल पर शिकंजा कसने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।

 

 

 

 

 

- क्या कहते है स्कूल प्रबंधन की ठगी के शिकार

खुरला किंगरा रोड जालंधर निवासी स्पेयर पार्ट्स व्यापारी पराग उप्पल ने बताया कि उनके बेटे रितेश उप्पल जो कि आटिस्म बीमारी से ग्रस्त है, के लिए उन्होंने अब स्कूल प्रबंधन को लीगल नोटिस जारी कर कानूनी रूख अख्तियार कर लिया है। श्री उप्पल ने बताया कि अपने वकील के जरिए भेजे नोटिस में उन्होंने स्कूल को वसूली 9 लाख रुपए से ज्यादा की फीस तथा 40 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन इस मामले पर चुप्पी साधे हुआ है और अपना पक्ष देने से लगातार बचता फिर रहा है लेकिन साक्ष्यों के आधार पर माना जा सकता है कि स्कूल प्रबंधन अब अपनी करतूत के कारण समाज और मीडिया से दूरी बना रहा है। विस्तार जानकारी देते हुए श्री उप्पल ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे रितेश उप्पल को स्कूल में शिक्षा के लिए दाखिल करवाया था। स्कूल प्रबंधन को दाखिले के समय ही सारी जानकारी दे दी गई थी कि वो आटिस्म बीमारी से पीड़ित है। श्री उप्पल ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उनको आश्वस्त किया था कि उनका बेटा 12वीं कक्षा तक पढ़ाई कर सकता है। इस आधार पर उन्होंने 9वीं कक्षा तक उसकी पूरी फीस स्कूल को अदा भी की लेकिन अचानक 10वीं कक्षा में आने पर उनको स्कूल प्रबंधन ने बेटे रितेश को 10वीं कक्षा में प्रमोट करने से इंकार कर दिया। श्री उप्पल ने बताया कि कारण जानने पर यह भी बता चला कि स्कूल प्रबंधन ने उनके बेटे के नाम राज्य के शिक्षा विभाग के ई-पोर्टल (ई-पंजाब) पर रजिस्टर्ड ही नहीं किया था जोकि 7वीं कक्षा के दौरान ही हो जाना चाहिए था। प्रबंधन से संपर्क करने पर टाल-मटोल किया गया और एक दिन आया कि बेटे को स्कूल में प्रवेश से भी इंकार कर दिया गया जिससे बेटे को मानसिक तौर पर गहरा आघात पहुंचा। श्री उप्पल ने बताया कि उनकी पत्नी की ओर से जिला शिक्षा विभाग के सम्मुख शिकायत पेश की गई जिसकी जांच में गत माह स्कूल प्रबंधन को कोताही का दोषी ठहराया गया और बेटे का नाम ई-पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया गया लेकिन उसके बाद भी जब स्कूल प्रबंधन ने आदेश का पालन नहीं किया तो शिक्षा विभाग ने गत स्कूल प्रबंधन ने चेतावनी पत्र भी जारी किया लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसके बाद भी कोई आदेश का पालन नहीं किया है। श्री उप्पल ने कहा है कि वो अब जल्द ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी रूख अख्तियार करने जा रहे हैं।

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