जय हिन्द न्यूज/जालंधर
स्पाइन से जुड़ी समस्याओं में कमरदर्द व पैरों में दर्द होना आम बात है और इस बीमारी को 21वीं सदी में एपिडेमिक कहा जाने लगा है जिसका मतलब हर किसी को कभी न कभी कमरदर्द हो सकता है। इसके कारण हमारी जिंदगी में काफी बदलाव आ सकता है। इस दर्द से अधिकतर लोगों के खान-पान व काम-काज में बदलाव आ जाता है। इस बीमारी के चलते आजकल लोगों में मोटापा भी आने लगा है।
सीनियर इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जन डॉ. पंकज त्रिवेदी वासल अस्पताल, जालंधर ने बताया की स्पाइन से जुड़ी समस्याओं में सबसे पहले लक्ष्ण कमरदर्द व पैरदर्द होना है और यह आम बात भी है। ऐसी सूरत में पीडि़त लोगों को चलने में काफी मुश्किल आती है।
वहीं, आजकल युवाओं में स्लिप डिस्क की अंदरूनी चोट भी डिटैक्ट होने लगी है। यह बीमारी भारी वजन उठाने की वजह से हो जाती है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैडीकल साईंस ने भी बीमारियों का मुकाबला करने के लिए अपने डॉक्टरों को काबिल बना लिया है और इंडोस्कोपिक सर्जरी ने क्रांति ला दी है।
डा. त्रिवेदी ने बताया कि अब इंडोस्कोपिक सर्जरी की मदद से कमरदर्द और पैरों के दर्द का इलाज संभव है। सर्जरी 7 मीटर के छोटे चीरे से स्लिप डिस्क को बिना बेहोश किए ऑपरेशन द्वारा की जाती है। इस सर्जरी के बाद मरीज़ तुरंत ही चलना शुरू कर देता है।
डा. त्रिवेदी ने बताया कि आपरेशन के दौरान पूरे शरीर पर सिर्फ एक बैंडऐड लगती है और इस सर्जरी में किसी भी तरह की चीड़ फाड़ नहीं करनी पड़ती क्योंकि इसमें लेजऱ सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जाता। इस उपचार विधि से मरीज जल्दी ही अपने काम पर दोबारा लौट सकता है।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया की भारत के साथ-साथ कई विदेशी मरीज भारत उनके पास आकर इस उपचार विधि से अपना इलाज करवाकर शारीरिक लाभ हासिल कर चुके हैं। उन्होंने बताया की विदेशी मरीज जैसे कि ईराक, बांगलादेश, तंजानिया, दुबई, अबुधाबी, इंडोनेशिया आदि काफी दूर देशों से आकर अब इस उपचार विधि का जालंधर आकर हम से इलाज़ करवाकर लाभ हासिल कर रहे है।