जय हिन्द न्यूज/जालंधर
शहर के भगत सिंह चौक स्थित चड्डा मोबाइल हाउस के संचालक विशाल उर्फ विक्की चड्डा के घर नाबालिग गर्ल लेबर चाइल्ड की संदिग्ध परिस्थितियों में हुए मौत के मामले की फाइल को भी संदिग्ध परिस्थितियों में बंद करने की तैयारी हो गई हैं। हैरत यह भी है कि आम आदमी की मौत के इस मामले पर दोनों आम आदमी पार्टी के विधायक चुप है। उनके अलावा कोई और नेता ने भी जांच की सुध तक नहीं ली है।
हालातों के आधार पर सूत्रों द्वारा एकत्र जानकारी में भी संकेत मिला है कि सूचना मिलने पर पूरे जोश में जांच करने पहुंची पुलिस का जोश ठंडा कर दिया गया है जिससे जांच पर भी आंच आ गई है और खबर यह मिल रही है कि मामले की हलकी जांच करके चड्डा मोबाइल हाऊस के संचालक विशाल उर्फ विक्की चड्डा को परिवार समेत क्लीनचिट देने की तैयारी की जा रही है।
उधर, कानूनी दृष्टि से देखा जाए तो यह मामला प्रथम दृष्टतया बाऊंडेड गर्ल लेबर चाइल्ड का भी बनता है। वो ऐसे कि जांच में यह स्पष्ट करना सबसे जरूरी है कि चड्डा मोबाइल हाउस वालों ने इस गर्ल चाइल्ड के बारे में सिटी पुलिस या थाना पुलिस को सूचित किया था या नहीं।
जांच का सबसे अहम विषय यह भी कि यह मामला हत्या का है या फिर आत्महत्या का या फिर किन्हीं कारणों से हत्या करके आत्महत्या का बनाने की कोशिश की गई है जिसमें सबूत भी मिटाए गए हैं। जांच इन्हीं पहलुओं पर आधारित होनी चाहिए जिसमें मरने वाली लडक़ी का मोबाइल फोन सबसे अहम कड़ी हो सकती है।
उधर, जांच में यह भी साबित किया जाना जरूरी है कि मरने वाली लडक़ी का पिता व बुआ होने का दावा करने वाले लोग उसके सगे है या फिर मुंह बोले रिश्तेदार है या फिर उसको कहीं से खरीदकर लाकर यहां बेच गए थे जिसके बाद से यह लडक़ी एक बंधुआ मजदूर बनकर उनके घर पर काम कर रही थी।
अब देखना शेष होगा कि इस संदिग्ध मौत का महिला आयोग, चाइल्ड राइल्ट कमिशन, लेबर विभाग या फिर खुद माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट क्या संज्ञान लेता है। बहरहाल, पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सभी की निगाहें टिक गई हैं क्योंकि विशाल विक्की चड्डा का दावा है कि यह सुसाइड का मामला है लेकिन वो अभी तक साफ नहीं कर पाए हैं कि सुसाइड करने वाली अंजलि किस मानसिक परेशानी में थी। यह सवाल उनके परिवार का काफी दूर तक पीछा करेगा।