जय हिन्द न्यूज/जालंधर
स्टेट जीएसटी विभाग के मोबाइल विंग की रोड चैकिंग में सेंधमारी करते हुए टैक्स चोरी माफिया ने उनकी गाड़ियों पर जीपीएस ट्रैकर सिस्टम ही लगवा दिए थे। ईटीओ रुद्र मनी शर्मा की महिंद्रा मराजो गाड़ी समेत तीन गाडियों पर उक्त सिस्टम लगे थे। इनमें से एक पूरी तरह से वर्किंग में था । ऐसा ही मामला लुधियाना में पकड़ा गया था। जब माफिया ने विभाग की 9 गाड़ियों पर उक्त सिस्टम लगा दिए थे।
साइबर सेल की जांच रिपोर्ट के बाद थाना-6 में ईटीओ रुद्र मनी शर्मा की शिकायत पर आईपीसी की धारा 186,417, 120 बी और आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) के तहत केस दर्ज किया गया है। केस में नरधम निवासी गांव बलियारी जिला पलामू (झारखंड) और हरविंदर सिंह निवासी माछीवाड़ा खाम को आरोपी बनाया गया है। उक्त सिस्टम को बेचने वाला दीपक रलहन वासी बद्रीदास कॉलोनी, सिम बेचने वाला कृष्णा नगर का मुकेश पुरी और दिल्ली के नरेला निवासी देवेंद्र सिंह जांच के दायरे में हैं। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह तूर ने मामले की जांच इंस्पेक्टर राज रानी को सौंपी है, ताकि केस से जुड़े आरोपी ट्रेस कर पकड़े जा सकें।
स्टेशन के पास स्थित एक दुकान से खरीदा था ट्रैकर सिस्टम बरामद किए गए तीन सिस्टम कब्जे में लेकर जांच साइबर क्राइम को भेज दी गई थी। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि ईटीओ की गाड़ी में लगा सिस्टम में इस्तेमाल सिम 30 जुलाई, 2021 को रेलवे स्टेशन के पास स्थित साईं कम्युनिकेशंस से खरीदा गया था। यह सिम नरधम वासी गांव बलियारी जिला पलामू (झारखंड) के नाम पर खरीदा गया था। सिम से कोई कॉल नहीं की थी, केवल ईटीओ की गाड़ी में लगे सिस्टम में इस्तेमाल की गई थी। पुलिस जांच करते हुए बीएमसी चौक के पास स्थित मालवा ऑटो इलेक्ट्रिकल्स से खरीदी गई थी। दुकानदार दीपक रलहन ने रिकॉर्ड देखकर बताया कि यह सिस्टम उनसे ही अमृतसर के दविंदर सिंह ने खरीदे थे। पुलिस को एक मोबाइल नंबर मिला। उसका पता दिल्ली के देवेंद्र सिंह के नाम पर निकला। सिम खरीदने के समय दो स्थानीय पते दिए गए थे, मगर वे फर्जी निकले। एक मोबाइल नंबर की जांच से पता चला कि नरधम के साथ सिम खरीदने आए शख्स का नाम हरविंदर सिंह था । वह समराला के पास माछीवाड़ा खाम का रहने वाला है। जांच टीम बशीरपुरा के दिए गए पते गई, मगर वहां पर नरधम नामक कोई शख्स फिलहाल सामने नहीं आया।
...तो इसलिए यह तरीका निकाला था
विभाग ने टैक्स चोरी करने वाले माफिया के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया था। विभाग के सीनियर अधिकारी को ही पता होता था कि आज कौन-सी जीटी रोड या जगह पर विशेष चैकिंग करनी है। इतना ही नहीं, उनके बॉडीगार्ड से लेकर ड्राइवर तक को भनक नहीं होती थी। विभाग के ऑपरेशन सफल हो रहे थे। इसके बाद माफिया ने लुधियाना और जालंधर विंग से जुड़े अधिकारियों की गाड़ी में सिस्टम लगाकर उनकी लोकेशन ट्रेस करनी शुरू कर दी थी, ताकि वे अपना माल दूसरे रास्ते से ले जा सकें।
हरविंदर की गिरफ्तारी खोलेगी राज
हरविंदर की गिरफ्तारी से पता चलेगा कि विभाग में उनकी किससे सेटिंग थी, जिसने सरकारी गाड़ी में उक्त सिस्टम लगवा दिए थे या फिर यह काम रात में चोरी किए गए थे। ईटीओ रुद्र मनी शर्मा ने सीपी को दी शिकायत में कहा था कि नंवबर 2021 में रुटीन चैकिंग के दौरान पता चला कि उनकी गाड़ियों में उक्त सिस्टम लगा है। ईटीओ की गाड़ी के अलावा दो अन्य में उक्त सिस्टम लगे थे। ये गाड़ियां टैक्स चोरी माफिया को पकड़ने के रोड चेकिंग में इस्तेमाल की थी।