जय हिन्द न्यूज/जालंधर
कलयुग में डॉक्टरी पेशे की बिगड़ती छवि के बीच धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर रूप में इंसानियत की मिसाल गत मध्य रात्रि जालंधर में एक बार फिर देखने को मिली। एक सड़क हादसे में गम्भीर घायल 4 वर्षीय मासूम को गरीब परिजन "Orthonova Hospital" लेकर पहुंचे।
समय करीब देर रात 1 बजे का था और हॉस्पिटल से डॉ. हरप्रीत को सूचित किया गया। डॉ. हरप्रीत नींद छोड़कर हॉस्पिटल पहुंचे तो देखा कि मासूम की Bone Fixation सहित Nerve-Artilary Repair होनी है जिसका खर्चा लाखों में है।
इलाज खर्च न होने की असमर्थता जताकर जब परिजन बच्चे को बिना इलाज ले जाने लगे तो डॉ. हरप्रीत ने उनको अपने दिल की बात बताई कि वो बस इतना जानना चाहते थे कि आप सच में आर्थिक रूप से कमजोर हो।
फिर क्या डॉक्टर हरप्रीत ने emergency call देकर स्टाफ़ लाइन up किया और करीब अढ़ाई घण्टे इलाज उपरांत न केवल 4 वर्षीय मासूम की जान बचाई ब्लकि उसके परिजनों की सुविधा के लिए हर तरह का इंतजाम भी किया।
गौरतलब है कि बच्चे की हालत नाजुक थी और अगर पैसों के चक्कर मे डॉ. हरप्रीत फंसते या परिजनों से बहस करते तो बच्चे का पैर गल जाता जिससे बच्चे की जान को भी खतरा बन सकता था। इसीलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि डॉक्टर रूप में भगवान अभी भी इस धरती पर देखे जा सकते है।
याद करवा दे कि कुछ दिन पहले भी तरनतारन जिला से एक Burn case आया था जिसमें मासूम का हाथ जल गया था और सही इलाज न होने पर उसको वहाँ से Orthonova Hospital लाया गया था। इस मासूम का हाथ काटने की नौबत आ चुकी थी क्योंकि इन परिजनों के पास भी इलाज खर्च नहीं था लेकिन डॉक्टर हरप्रीत सिंह ने स्थिति को भांपकर तत्काल मासूम का ऑपरेशन करके उसका हाथ काटने से बचा लिया था।
जय हिन्द न्यूज़ नेटवर्क भी डॉ. हरप्रीत सिंह को तह दिल से सलाम करता है और भगवान से प्रार्थना करता है कि ऐसे डॉक्टरों को खूब तरक्की भी दें व बक्श भी ताकि वह मरीजों का इलाज निस्वार्थ भाव से भी कर सकें। क्योंकि सिर्फ पैसा ही सब कुछ नहीं होता जोकि अक्सर डॉ. हरप्रीत को बोलते भी सुना जा सकता है।