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विचाराधीन मामले पर प्रैस कांफ्रैंस करके बुरे फंसे जालंधर के यह डाक्टर्स, हाईकोर्ट ने लगाई "कंटैप्ट ऑफ कोर्ट", पढि़ए शहर के ज्वलंत मामले में आया एक और रोचक मोड़ 

By RAJESH KAPIL

Published on 15 Dec, 2021 04:12 PM.

जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 

उत्तर भारत के नामी-गिरामी डॉक्टरों की सांझेदारी पर स्थापित सर्वोदय अस्पताल का नाम अब पाटनर्स की आपसी लड़ाई के कारण आए दिन  सुर्खियों में छा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

ताजा खबर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से आ रही है कि माननीय हाईकोर्ट ने ठगी-जालसाजी के आरोप में जालंधर सिटी पुलिस की ओर से नामजद किए अस्पताल के पाटर्नर डॉक्टर पकंज त्रिवेदी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए डॉक्टर्स राजेश अग्रवाल, पकंज गुप्ता, संजय मित्तल तथा आदर्श अग्रवाल पर कंटैप्ट ऑफ कोर्ट लगाई है।

 

 

 

दरअसल, ठगी-जालसाजी मामले में फंसे डा. पकंज त्रिवेदी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए गत दिवस अपने वकील मंदीप सिंह सचदेव के जरिए अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। इस दौरान कोर्ट ने उनको अंतरिम राहत देते हुए जांच में शामिल होने का आदेश दिया था।

 

 

 

 

 

 

 

अब हुआ यह कि इस बीच अदालत की अवमानना मामले में फंसे चारों डॉक्टर्स ने एक प्रैस कांफ्रैस करके मीडिया को कुछ बयान दिए जिसके बाद कोर्ट ने बेल पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था और बेल किसी अन्य अदालत को ट्रांसफर कर दी गई थी।

 

 

 

 

माननीय हाईकोर्ट में पटीशन दायर करके आरोपी पंकज त्रिवेदी के वकील मंजीत सिंह ने कड़ा ऐतराज पेश किया कि शिकायतकर्ता पक्ष के डाक्टरों ने अदालती सुनवाई के दौरान मीडिया के समक्ष कई ऐसी टिप्पणीयां की जिससे अदालत की साख पर सवालिया निशान लगे।

 

 

 

 

 

 

उन्होंने माननीय हाईकोर्ट को सबूत के तौर पर कुछ न्यूज पोर्टल्स व न्यूजपेपर कटिंग भी पेश करके दलीलें पेश की और चारों डॉक्टरों को कानून की पहली नजर में अदालती अवमानना का आरोपी पाया।

 

 

 

 

 

माननीय हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक बैंच ने मीडिया को भी ताकीद जारी की है कि किसी भी व्यक्ति के बयान को ऐसे ही बिना जांच के प्रकाशित करना भी अनुचित है, विशेषत: तब जब मामला कोर्ट में विचाराधी न हो और एक पक्ष उसका मीडिया ट्रायल करने की साजिश कर रहा हो।

 

 

 

 

 

 

 

बहरहाल, माननीय हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद अब चारों डॉक्टर्स की मुश्किलें बढ़ती दिखाई देने लगी है। अब देखना शेष होगा कि चारों को कोर्ट से सजा मिलती है या फिर चेतावनी।

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