जय हिन्द न्यूज/जालंधर
यहां के बहुचर्चित एवं अति विवादित शिक्षण समूह मोंटगुमरी गुरुनानक ऐजुकेशनल ट्रस्ट यानि एमजीएन ट्रस्ट प्रबंधन के जारी विवाद को लेकर एक नई खबर सामने आई है। विगत 17 मई 2021 को टर्नयोर खत्म होने के बाद भी प्रबंधन पर काबिज रहकर तानाशाही रवैया अपनाने के आरोपों का सामना कर रहे राय गुट के खिलाफ पसरीचा गुट ने परिसर के समक्ष गेट न खोलने पर खुला विरोध प्रदर्शन किया।
कपूरथला चौक के निकट स्थित एमजीएन ट्रस्ट के आफिस के गेट पर दोपहर के समय उस समय खासा हंगामा हुआ जब परिसर का गेट राय गुट के आदेश पर न खोले जाने की सूरत में पसरीचा गुट के ट्रस्टीज़ ने परिसर के गेट पर ही बैठक करके एक प्रस्ताव पारित कर दिया। इससे पहले गेट खुलवाने को लेकर हुई जद्दोजहद की पसरीचा गुट ने वीडियो रिकार्डिंग भी की ताकि कोर्ट के समक्ष सबूत पेश किए जा सके।
बैठक में पूर्व चेयरमैन जरनैल सिंह पसरीचा, जी. एस. नरूला, रमणीक सिंह, गुरमोहन सिंह तथा जसनीत कौर शामिल हुए तथा स्थानीय सिविल कोर्ट के आदेश पर बैठक में शामिल होने आए सुदर्शन सिंह बैंस का इन सभी ट्रस्टीज़ ने बैठक में स्वागत किया।
लाइफ ट्रस्टी रमणीक सिंह ने बताया कि बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं कि एक तो सुदर्शन सिंह बैंस को वोटिंग का अधिकार दिया गया है तथा दूसरा यह कि सभी बैंकों को तत्काल खाते फ्रीज करने के लिए कहा जाए क्योंकि पूर्व चेयरमैन चरणजीत सिंह राय का कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दरअसल कोर्ट के आदेश के बाद राय गुट को विगत 01.10.2021 को अपने वकील मनदीप सिंह सचदेव के जरिये लीगल नोटिस भेजकर 5 दिन में AGM बुलाने की मांग की गई थी।
ट्रस्ट नियमों के मुताबिक एजीएम बुलानी आवश्यक थी लेकिन राय ने नहीं बुलाई गई। फिर 13.10.2021 को पसरीचा गुट ने बहुमत के आधार पर 16.10.2021 को AGM बुलाने की सूचना भेजी थी जो आज सभी ट्रस्टीज़ को उसमें शामिल होने के लिए गेट खोलना जरूरी था। इस बाबत लिखित मांग पत्र पहले ही पूर्व चेयरमैन को भेजा जा चुका था और उनको किसी भी कोर्ट से अभी तक किसी भी निचली अदालत के आर्डर पर स्टेआर्डर प्राप्त नहीं हुआ था।
रमणीक ने यह भी बताया कि उनकी तरफ से ट्रस्ट पर रिसीवर लगाने की मांग को लेकर अदालतों के समक्ष याचिका दायर की गई है जिसका फैसला आने का इंतजार किया जा रहा है ताकि निष्पक्ष ढंग से एक बार चुनाव करवाकर विवाद को जड़ से समाप्त किया जा सके क्योंकि राय गुट का कार्यकाल काफी विवादित रहा है और इनके कार्यकाल का आडिट करवाने की भी मांग कोर्ट के समक्ष रखी जा चुकी है।
उधर, ज्ञात हुआ है कि राय गुट भी प्रबंधन पर अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए काफी हाथ-पैर मार रहा है। पसरीचा गुट के परिवारिक विवाद का लाभ लेकर ट्रस्ट प्रबंधन की सत्ता हासिल करने वाले राय ने भी पसरीचा गुट के खिलाफ विभिन्न अदालतों के समक्ष केस व अपीलें दायर कर रखी है जिन पर कोर्ट का फैसला आना लंबित है।
बहरहाल, हालात साफ इशारा कर रहे हैं कि बीते समय में कमजोर पड़ा पसरीचा गुट अब राय गुट पर भारी पड़ रहा है। राय के साथ डी.एस. आनंद तथा एम. एस दहिया है जबकि पसरीचा के पक्ष में अब बैंस के भी आ जाने से लाइफ ट्रस्ट सदस्यों की संख्या 4 और 2 मानद ट्रस्टीज़ गुरमोहन तथा जसनीत को मिलाकर कुल संख्या 6 हो गई है। ताजा घटना के बाद माना जा रहा है कि ट्रस्ट प्रबंधन विवाद और भी हंगामेदार हो सकता है।