जय हिन्द न्यूज/जालंधर
“मैडीकल स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल” को छिक्के टांगकर एक महिला मरीज की स्पाइन सर्जरी करने पर जालंधर के नासा न्यूरोकेयर के संचालक न्यूरोसर्जन डॉक्टर नवीन चितकारा को लेने के देने पड़ गए हैं। जिला उपभोक्ता फोरम ने डॉक्टर नवीन चितकारा को सेवा में कोताही व इलाज में लापरवाही बरतने पर पांच लाख रुपए बतौर हर्जाना अदायगी करने का आदेश दिया है।
जिला फोरम ने शिकायत को उचित ठहराते हुए डॉक्टर नवीन चितकारा को अर्थ दंडित भी किया है जिसके तहत डॉक्टर नवीन चितकारा को 7 हजार रुपए बतौर कानूनी खर्च पीड़ित पक्ष को देने होंगे तथा साथ ही साथ तीन हजार रुपए फ्री लीगल फंड में भी जमा कराने होंगे।
सुनने में आया है कि जिला फोरम के इस फैसले की खबर फैलते ही डॉक्टर नवीन चितकारा की टीआरपी को काफी गहरा धक्का लगा है।
जिला कपूरथला की सिटी फगवाड़ा के रहने वाले शिकायतकर्ता आई.पी. सिंह ने फोरम के समक्ष अपना क्लेम प्रस्तुत किया कि उनकी माता अवतार कौर ने 04.06.2013 ने बीमारी के चलते जालंधर के नासा न्यूरोकेयर अस्पताल के सर्जन डॉक्टर नवीन चितकारा से परामर्श किया था।
एमआरआई रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर नवीन चितकारा ने माता अवतार कौर को स्पाइन सर्जरी की सलाह दी थी। परामर्श से सहमत होकर माता अवतार कौर की स्पाइन सर्जरी डॉक्टर नवीन चितकारा ने 10.06.2013 को की। इसके बाद भी माता की शारीरिक समस्या जस की तस बनी रही।
अत: माता की सेहत में सुधार होता न देख 13.07.2013 को दोबारा MRI करवाई गई और राजधानी दिल्ली के तीन अन्य न्यूरो सर्जन्स के दिखाया गया जिन्होंने सर्जरी केे असफल होने की बात कही और दोबारा करवाने की सलाह दी। साथ ही माता के डीएमसी लुधियाना में गंभीर हालत में दाखिल रहने का रिकार्ड भी प्रस्तुत किया।
सुनवाई के दौरान फोरम के अध्यक्ष कुलजीत सिंह व सदस्या सुश्री ज्योत्सना ने सारा रिकार्ड एग्जामिन करने व दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला डॉक्टर नवीन चितकारा के खिलाफ सुनाया जिससे डॉक्टर नवीन चितकारा की काबिलियत पर सवालिया निशान लग गया।
बहरहाल, देखना शेष होगा कि अब वो इस फैसले को स्वीकार कर लेते हैं या फिर इसको ऊपरी आयोग के समक्ष चुनौती देते है।