जय हिन्द न्यूज/जालंधर।
दोआबा के ट्रेवल एजैंटों के नए-नए किस्से सामने आ रहे हैं। बेखौफ एजैंट राज्य के भोले-भाले लोगों को तो ठगने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे, अब पहले से ही ठगी-जालसाजी मामलों में नामजद एक दागी एजैंट की ओर से शहर के नामी वकील को ठगने का मामला सामने आया है। सिटी की लाडोवाली रोड पर एम.के. एजेकुशन ओवरसीज के नाम से ट्रैवल का कारोबार करने वाले एजैंट मोहन कक्कड़ तथा उसकी पत्नी पूनम कक्कड़ के खिलाफ थाना बारादरी पुलिस ने जिला बार एसोसिएशन एवं जिला भाजपा के पूर्व प्रधान अशोक गांधी की शिकायत पर मामला दर्ज किया है।
केस दर्ज होने के बाद मामला सामने आया है कि आरोपी एजैंट मोहन व उसकी पत्नी पूनम ने लाडोवाली रोड पर बैंक के पास गिरवी पड़ी बेसमेंट वाली प्रॉपर्टी की डील वकील गांधी के साथ करके 74 लाख रुपए ऐंठ लिए। इसका खुलासा तब हुआ जब वकील गांधी ने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं करवाने पर कोर्ट में दावा किया। यही नहीं, दंपती ने बेसमेंट के ऊपर की दुकान का भी सौदा कर दिया और रजिस्ट्री नहीं करवाई। दोनों प्रॉपर्टी के बदले दंपती ने 74 लाख रुपये एडवांस लिए थे।
लाडोवाली रोड जालंधर स्थित प्रीत नगर के निवासी वरिष्ठ वकील अशोक गांधी की शिकायत के मुताबिक वो डिफेंस कॉलोनी निवासी पूनम कक्कड़ व उसकेपति मोहन कक्कड़ से पहचान थी। पूनम ने पैसों की तत्काल जरूरत बताते हुए वकील गांधी से लाडोवाली रोड स्थित कृष्णा कांप्लेक्स में 200 वर्ग फुट की दुकान बेचने का एग्रीमैंट किया था। यह बताया कि सौदा 35 लाख में हुआ और इकरारनामे के मुताबिक अशोक ने पूनम को 30 लाख रुपये देते हुए रजिस्ट्री का दिन 20 सितंबर 2014 तय कर दिया गया और दुकान का कब्जा अशोक को दे दिया गया।
हालांकि बाद में रजिस्ट्री करवाने के लिए टालमटोल करते रहे। इसके बाद पूनम के पति मोहन कक्कड़ ने इसी की बेसमेंट का एग्रीमैंट भी एक जून 2016 को उनके साथ किया और यह सौदा 60 लाख में हुआ। इसके बदले पहले उन्होंने 44 लाख रुपए भी दे दिए। इसकी रजिस्ट्री 31 मई 2017 रखी गई, लेकिन फिर रजिस्ट्री नहीं करवाई गई।
गांधी ने पुलिस को बताया कि बात करने पर एजेंट मोहन बोला कि कागजात गुम हो गए हैं, जब मिलेंगे तो रजिस्ट्री करवाएंगे जब एडवोकेट ने लीगल नोटिस भेजा तो मोहन कक्कड़ ने कहा कि उनकी असली रजिस्ट्री गुम हो गई है, जब मिलेगी तो करवा देंगे। इसके अलावा 16 सितंबर को एडवोकेट गांधी ने अपना साइनबोर्ड बेसमेंट के ऊपर लगाया था, उसे पूनम कक्कड़ ने उतार दिया। जब वह दुकान चेक करने पहुंचे तो पता चला कि उनके ताले की जगह दुकान पर दूसरा ताला लगा हुआ था।
उन्होंने बेसमेंट की रजिस्ट्री कराने के लिए कोर्ट में दावा किया तो पता चला कि वह प्रॉपर्टी बैंक में गिरवी पड़ी है। इस बारे में एसीपी की जांच में पूनम कक्कड़ व उसके पति मोहन कक्कड़ शामिल नहीं हुए हैं।
उधर, पता चला है कि वकील गांधी ने आरोपी पक्ष के खिलाफ स्पैशल कोर्ट में चैक के केस भी दायर कर रखे हैं जो अभी विचाराधीन है।दूसरी तरफ आरोपी पक्ष के एजैंट मोहन कक्कड़ को लिखित पक्ष प्रस्तुत करने के लिए उनके व्हाट्सएप्प पर संदेश भेजा गया लेकिन काफी समय बाद भी उनका कोई पक्ष पेश नहीं किया गया जिसके प्राप्त होने पर उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।