जय हिन्द न्यूज/जालंधर।
कंजरीयां दे 100 यार ते ठगा दे भी "सरदार" हुंदे ने (सिख धर्म वाले सरदार नहीं)। सुना था, अब प्रमाणित भी हो गया कल जब सिटी पुलिस ने श्री मुक्तसर साहिब से सुसाइड केस में भगौड़े चल रहे बेशर्म ठग वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा को वकील के पिता की शिकायत पर दर्ज ठगी के मामले में हिरासत में लिया और फिर से जाने भी दिया।
यह ताजा संगीन मामला सिटी थाना 2 की पुलिस से जुड़ा है जिसने बीते कल दोनों भगौड़े ठग बेशर्म वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा को हिरासत में तो लिया लेकिन इन ठगों के "सरदार" की पैरवी के चलते दोनों को घर भेज दिया। दोनों भगौड़े बेशर्म ठग वकील भाईयों के खिलाफ थाना 2 पुलिस ने वकील अभिनव नंदा के पिता राजीव नंदा की शिकायत पर ठगी का केस दर्ज है।
केस दर्ज होने के बाद नियमित प्रक्रिया के तहत दोनों को जांच अधिकारी सब इंस्पैक्टर भगतवीर सिंह ने जांच में शामिल होने के लिए मार्च-2020 के दौरान सीआर. पी.सी की धारा 41 (ए) का नोटिस तामील करवाया था मगर दोनों भगौड़े बेशर्म ठग वकील भाई रिसीव करके भी कन्नी काट गए थे और अपने ठगी के "सरदार" की मदद से केस फाइल को एक डीसीपी की प्लानिंग के तहत एसीपी बिमलकांत के आफिस में अटकाकर रखवा दिया जिसकी शिकायत होम सैक्रेटरी और डीजीपी आफिस पहुंच चुकी है।
पुख्ता जानकारी के मुताबिक केस फाइल कुछ दिन पहले ही पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर के कड़े संज्ञान के बाद वापिस थाना 2 पहुंची थी और जांच अधिकारी दोनों भगौड़े बेशर्म ठग वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा को बीते कल राऊंडअप करके थाना ले आई थी।
प्रत्यक्षदर्शी बने रहे सक्रिय सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी दोनों भगौड़े बेशर्म ठग वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा की गिरफ्तारी ऑन रिकार्ड डालने ही वाली थी कि फिर से इन ठगों का "सरदार" बीच में आ गया और पुलिस पर यदा-कदा दुहाई देकर और पीड़ित पक्ष को जल्द रकम वापसी के वायदे से प्रभाव बनाने में सफल रहा।
अब जो हुआ उससे दोनों आरोपी भगौड़े बेशर्म ठग वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा को हाल दी घड़ी राहत तो मिल गई लेकिन थाना 2 पुलिस गैर-कानूनी कृत्य करके सवालों और भ्रष्टाचार की जांच अधीन जरूर आ गई है। भले ही बड़े अफसरों के कहने पर किया लेकिन थाना पुलिस ने यह किया कि दोनों आरोपियों को सीआर. पी.सी की धारा 41 (ए) का नोटिस मार्च-2020 में तामील होने के बावजूद हिरासत में लेने के बाद फिर से वही नोटिस दोबारा जारी करके जाने दिया।
अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि सीआर. पी.सी की धारा 41 (ए) का नोटिस आरोपी पक्ष को तामील कराने का प्रावधान एक बार का ही है। दूसरी बार पेश न होने पर गिरफ्तारी ही डालनी बनती है या फिर कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत पर रिहा करना। अब ऐसी सूरत में जब शहर ठगों के कारण बदनाम हो रहा है और लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, पुलिस ठगों पर मेहरबानी दिखाने में लगी है जिससे पुलिस के साथ कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सराकर की छवि आम जनता की नजर में और भी खराब हो रही है।वहीं जानकारी मिली है कि इस ताजा कृत्य की जानकारी भी सैक्रेटरी होम पंजाब व डीजीपी पंजाब तक पहुंचा दी गई क्योंकि इन भगौड़े बेशर्म ठग वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा के खिलाफ सैंकडों केस चल रहे हैं। ठगी के शिकार होने वालों में कुछ वकील भी शामिल है। जूनीयर रहे एडवोकेट राजीव सूरी भी खुद का ठगा बता रहे हैं। वहीं, कचहरी का कानून की किताबें बेचने वाला गोपी भी शिकायत की तैयारी कर रहा है। कुल मिलाकर अगर यह कहा जाए कि "बंदे-बंदे ते ऐहने पैहे देने है", तो कुछ गलत नहीं होगा।
उधर, थाना-2 के सुपरवाइजरी अफसर एसीपी सैंट्रल का टैंपरेरी चार्ज देख रहे सतिंदर चड्डा नेे कहा कि नोटिस तीन बार दिया जा सकता है इसलिए दोनों आरोपियों को पेश होने का समय देकर भेजा गया है। वहीं, थाना-2 की मानीटरिंग आफिसर एडीसीपी सिटी-1 वत्सला गुप्ता ने कहा कि मुझे तो अभी काम आता नहीं जो ऊपर अफसरों ने कहा, मैनें उसे लागू करवा दिया।
दोनों ठगों के खिलाफ एडीशनल एवीडैंस
यह भी पता चला है कि पुलिस की मेहरबानी से आजाद घूम रहे दोनों भगौड़े बेशर्म वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा ने जमकर लोगों के पैसे मार रखे हैं जिसके चलते स्थानीय अदालत इसकी 46, छोटी बारादरी पार्ट-1 जालंधर वाली कोठी को अटैच कर चुकी है। एक सहकारी बैंक करीब 75 लाख रुपए का लोन न चुकाने पर कोठी पर अलग से पुडा को अटैचमैंट आर्डर जारी कर चुका है। यह भी आम जनता के जानकारी हित है कि पुलिस की मेहरबानी से आजाद घूम रहे दोनों भगौड़े बेशर्म वकील भाईयों कपिल बत्तरा और राजन बत्तरा जिन पर पाबंदी है कि वो सिर्फ वकालत ही कर सकते हैं। धड़ल्ले से शेयर टर्मिनल, फाइनांस कंपनी, फिल्म मेकिंग करते आ रहे हैं और अब लाकडाउन में सेनेटाइजर भी बेचते रहे हैं जिस कारण पुडा ने दोनों को नोटिस जारी किया और अब केस दर्ज करवाने जा रही है, वहीं पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल इन दोनों के लाइसैंस रद्द करने पर सुनवाई भी कर रही है जो आखिरी दौर पर है।