ऑस्ट्रेलिया की पीआर दिलाने का झांसा देकर 70000 रुपये ठगने के मामले में करीब डेढ़ साल से फरार चल रहे कथित आरोपी ट्रैवल एजेंट आयुष जैन को पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है।
हाइकोर्ट ने आरोपी को 24 जून 2020 को पुलिस के समक्ष पेश होकर जांच में शामिल होने तथा पुलिस को अगले आदेश तक आरोपी को हिरासत में न लेने का आदेश दिया है। यह भी कहा है कि अगर गिरफ्तार किया जाए तो उसको तत्काल पुलिस थाना में ही अंतरिम जमानत देकर रिहा कर दिया जाए।
सिटी पुलिस की ओर से दर्ज मामले में आरोपी आयुष जैन को सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। पुलिस लाइन्स के निकट गिरनार ग्लोबल के नाम से एजुकेशन कंसलटेंसी का संचालन करने वाले आयुष जैन के खिलाफ शहीद भगत सिंह नगर के गांव जेठूमजारा निवासी अजमेर सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद पुलिस ने IPC की धारा 406, 420, इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24 और पंजाब प्रिवेंशन ऑफ ह्यूमन स्मगलिंग एक्ट 2012 की धारा 13 के तहत 09.12.2018 को मामला दर्ज किया था।
सूत्रों की माने तो केस दर्ज होने के बाद से आरोपी आयुष जैन फ़रार रहा और पुलिस से छिपता रहा। निकटवर्ती उसके विदेश भाग जाने का कयास भी लगाते रहे हैं।गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी आयुष जैन ने करीब सवा साल बाद 5 मार्च 2020 को जमानत अर्जी दायर की जिस पर सुनवाई हुई लेकिन राहत नहीं मिल पाई थी।
स्पष्ट था कि राहत के लिए आरोपी को हाइकोर्ट के समक्ष अर्जी दायर करनी होगी। बहरहाल, फरार आरोपी आयुष जैन का पुलिस को उसकी फरारी के दौरान कोई पता ठिकाना नहीं मिल पाया। हालांकि सिटी पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये गए।
वहीं, एक अन्य जानकारी यह भी मिली है कि आरोपी आयुष जैन जालंधर में लुधियाना के लाइसेंस पर काम कर रहा था जो किसी जानकार के नाम पर है और उसकी जानकारी जालंधर के प्रशासन के साथ सांझा नहीं की गई थी। अब चूंकि आरोपी आयुष जैन को अंतरिम राहत मिल गयी है तो पुलिस के सामने पेश होने पर सारी सच्चाई सामने आ जायेगी।