शातिर ठग किस कदर चालाक होते हैं कि वो किसी को भी अपने मीठी बातों में फांस ही लेते हैं। ताजा मामला पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट के दो जजों व उनके रिश्तेदारों के साथ ठगी का सामने आया है। जानकारी मिली है कि इनके साथ कुल 6 करोड़ 60 लाख 75 हजार रुपये की ठगी हुई जिसके चलते पुलिस को एचडीएफसी के एमडी आदित्य पुरी, नार्थ इंडिया हेड विकास बहल, क्लस्टर हेड संजीव कौशिक, ग्रेट कैलाश-1 नई दिल्ली के ब्रांच मैनेजर विकाश टुटेजा, ब्रांच मैनेजर ऋषि नंदा, सीनियर मैनेजर सौरभ घोष, उसकी पत्नी मुनमुन घोष, बैंक कर्मचारी एंटोनी एल्फर्ड रोड्रिक्स, नरेश कुमार, सिद्धार्थ, एचडीएफसी लाइफ के कर्मचारी मोहम्मद वसीम और इस्तेयाक अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। पुलिस ने शुरूआती जांच के बाद सौरभ घोष समेत अन्यों के खिलाफ कार्रवाई की है। मामले की शिकायत सेक्टर-27 निवासी कुलदीप सिंह ग्रेवाल ने दी थी। केस की जांच आर्थिक अपराध शाखा को दे दी गई है। शिकायतकर्ता सेक्टर-27 निवासी कुलदीप सिंह ग्रेवाल ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपी सौरभ घोष ने 2014 में एचडीएफसी बैंक में 27 अक्तूबर 2014 को रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर ज्वाइन किया था। वह बैंक में हाईनेट वर्थ अकाउंट हैंडल करता था और अकाउंट होल्डर्स से मिलकर उनका बैंक में इम्पीरिया अकाउंट खोलने का काम करता था। सौरभ से उनकी मुलाकात जस्टिस रंजीत सिंह के जरिए हुई थी। सौरभ की बातों में आकर उन्होंने 17 सितंबर 2015 को आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी सेक्टर-8 और इंडसइंड बैंक में एफडी को बंद करवाकर नई दिल्ली ग्रेटर कैलाश-1 में 44 लाख रुपये से अकाउंट खोला। इसके बाद उन्होंने खाते में साढ़े सात लाख रुपये और जमा करवाए। बैंक स्टेटमेंट में उनके खाते से बिना अनुमति के 30 लाख रुपये शाइन इंटरप्राइज को ट्रांसफर किए गए। सौरभ ने पूछने पर उसने बताया कि पैसे फिनकैप इंटरनेशनल में जमा किए गए हैं। इससे उन्हें 20 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। इसी तरह बिना जानकारी के सौरभ ने उनके अकाउंट से कई बार में कुल 52.50 लाख रुपये की ठगी की। इसी तरह उसने उनके रिश्तेदारों और जानकारों से भी करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस के अनुसार सौरभ ने अपने फायदे और ग्राहकों के रुपये पर जुआ खेलने के लिए अपनी फिनकैप इंटरनेशनल कंपनी बना ली थी। इसके जरिए वह अन्य कंपनियों से उसमें निवेश करता था। इस कंपनी में निवेश करने के लिए उसने एचडीएफसी के अन्य कर्मचारी को अपने साथ जोड़ा। इसमें एचडीएफसी लाइफ के कर्मचारी मोहम्मद वसीम और इस्तेयाक अहमद खाते से ग्राहकों के जाली हस्ताक्षर करते थे। पता चला है कि चेक बाउंस केस में सौरभ घोष को एक साल की सजा हो चुकी है। पुलिस के अनुसार सीनियर मैनेजर सौरव घोष के खिलाफ पुणे और साकेत नई दिल्ली में भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। साकेत मामले में सौरव को चेक बांउस के मामले में एक साल की सजा हो चुकी है। शिकायतकर्ता कुलदीप सिंह ने सवाल उठाया है कि चेक बाउंस मामले में सजा होने के बावजूद बैंक ने उसे नौकरी पर कैसे रख लिया? इससे बैंक के अन्य अधिकारी भी संदेह के दायरे में हैं। कुलदीप सिंह ग्रेवाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उनके अलावा दामाद रणदीप मान, दामाद की मां कौशल्या मान, दोस्त अर्जुन मान, रिश्तेदार जसकिरण मान, समधी जस्टिस रंजीत सिंह, अर्जुन के शूटिंग कोच इन्नियो फ़ेल्को, कजन मनविंदर, रिश्तेदार हरचरण सिंह चीमा, बेटी की सहेली सतजीत कौर बावा, जस्टिस एचएस बेदी और दोस्त कनक सिंह के साथ कुल मिलाकर 6.60 करोड़ रुपये की ठगी हुई है।