वकालत के लाइसेंस के साथ-साथ ट्रेवल एजेंसी का धंधा करने वाले ट्रेवल एजेंट कमल कुमार भुम्बला के "अच्छे दिन आ गए" लग रहे हैं। अपने धंधे में बेहद शातिर माने जाते इस ट्रेवल एजेंट ने कम पढ़े लिखे लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर हड़काने के लिए वकालत का चोला ओढ़ रखा है। बावजूद इसके सिटी पुलिस ने हाल ही में इस एजेंट पर अपना शिकंजा कसते हुए FIR की है। मगर फिर भी कहीं न कहीं यह लग रहा है कि पुलिस ने उसको राहत भी दी है। वो यह कि पंजाब में ट्रेवल प्रोफेशनल एक्ट लागू है जिसके उलंघन पर धारा 13 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है मगर भुम्बला पर दर्ज केस में यह एक्ट लगाया ही नहीं गया है। कारण यह कि अगर इस धारा के तहत केस दर्ज हो तो जांच ACP स्तर पर होती है और जमानत के चांस भी कम होते है। हालांकि थाना 6 के SHO सुरजीत सिंह का मानना है कि इस धारा को बाद में जोड़ा जाएगा। बता दे कि मोहाली की महिला हरप्रीत कौर बैंस ने लगाया है कि उसका और उसके बच्चे का visa रिफ्यूज करवाया तो करवाया 5 साल का बैन भी लगवा दिया। इस शातिर एजेंट के कारनामे भी कुछ ऐसे कि लाइसेंस तो पंजाब में ले रखा है लेकिन पैसे के लेन-देन के लिए लोगों को चंडीगढ़ आफिस बुलाया जा रहा है ताकि स्टेट लिमिट के चक्कर में शिकायत को कमज़ोर बनाया जा सके। बहरहाल, मामले की जांच पुलिस कर रही है।
अब पढ़िए प्रशासन की मेहरबानी
यह खुलासा हो चुका है कि ट्रेवल एजेंट कमल कुमार भुम्बला पेशे से वकील है और वकील पाबंदशुदा है कि वो कोई और पेशा नहीं कर सकता। इस आशय को जिला प्रशासन के ध्यान में भी लाया जा चुका है कि ट्रेवल एजेंट कमल कुमार भुम्बला हर साल एक शपथ पत्र जारी करता है कि वो सिर्फ वकालत करता है और कोई काम नहीं करता, इसी आधार पर वो हर साल वकीलों के चुनाव में वोट भी डालता आ रहा है। मगर सब जानते हुए भी प्रशासन चुप्पि साध के बैठा है। पता चला है कि मामला अब पंजाब के होम सेक्रेटरी के ध्यान में लाया जा रहा है।