Latest News

ब्लैकमेलिंग की आरोपी योगिनी अनुप्रिया को एक और कानूनी पटखनी, अब आया कोर्ट का यह फैसला

By जय हिन्द न्यूज/जालंधर

Published on 27 Feb, 2020 03:10 PM.

बिजनेसमैन राजन गुप्ता की किराए की कोठी को हड़पने की साजिश तथा उस आड़ में बलात्कार जैसा संगीन आरोप लगाकर ब्लैकमेलिंग करने के कारण सुर्खियों में रहने वाली योगिनी अनुप्रिया वधवा को आज कोर्ट में एक और कानूनी पटखनी मिली। संभवतः किराए की कोठी खाली न करने की नीयत से कोठी मालिक राजन गुप्ता पर दबाव बनाने के उद्देश्य से दर्ज कराया पुलिस केस में लगाए आरोपों को भी आज कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया।

 

सीजेएम अमिता सिंह की अदालत ने साल 2017 में उक्त योगिनी अनुप्रिया की शिकायत पर नई बारादरी थाना जालंधर में आईपीसी की धारा 354-ए एवं 354-सी के तहत केस में राजन गुप्ता को बाइज्जत बरी कर दिया। डिफैंस के वकील मंदीप सिंह सचदेव के अनुसार ट्रायल आईपीसी की धारा 354-ए के तहत ही चला जबकि चार्ज फ्रेमिंग के दौरान धारा 354-सी को पहले ही खारिज कर दिया गया था।

 

फ्लैशबैक स्टोरी यह कि 20.03.2017 को दोनों पक्ष किराए की अदायगी के लिए दिए चैक बांऊस से जुड़े केस को लेकर जेएमआईसी नवजीत पाल कौर की अदालत में हाजिर हुए थे। केस दर्ज कराने वाली योगिनी अनुप्रिया ने तब शौर मचाकर आरोप लगा दिया था कि राजन गुप्ता ने उनकी तस्वीरें खींची है जबकि राजन का पक्ष था कि योगिनी अनुप्रिया वधवा ने उनका मोबाइल फोन छीनकर खुद अपनी तस्वीरें खींची और केस दर्ज कराने की साजिश के तहत यह सारा ड्रामा रचा।

 

डिफैंस लॉयर मंदीप सिंह सचदेव ने संपर्क करने पर बताया कि ट्रायल के दौरान कोर्ट के समक्ष यह साबित कर दिया गया कि पूरा मामला एक साजिश था क्योंकि अनुप्रिया के फोन की काल डिटेल और उसका डाटा स्पष्ट संकेत दे गया कि पूरे मामले में राजन गुप्ता की कोई भूमिका नहीं थी। इसके अलावा घटना के समय वहां मौजूद गवाह की गवाही ने भी साबित किया कि आरोपी ने कोई भी अपराध नहीं किया बल्कि उसकी गवाही से भी यही संकेत मिला कि यह अनुप्रिया की राजन गुप्ता को केस में फंसाने की साजिश थी।

 

याद करा दे कि यह वही योगिनी अनुुप्रिया है जिसको जिमखाना क्लब जालंधर में योगा सिखाने पर पहचान मिली थी और राजन गुप्ता की पत्नी नितिका गुप्ता के संपर्क में आने पर उनकी किराए की कोठी में योगपैथी सैंटर चलाने का सहारा मिला था। हालांकि इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। बकौल, राजन गुप्ता कि योगिनी अनुप्रिया ने किराया देना बंद कर दिया था जबकि योगिनी अपना अलग ही राग सुना रही थी। इस दौरान योगिनी अनुप्रिया वधवा ने राजन गुप्ता पर रेप का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज कराई जो पुलिस ने हाई लेवल जांच करवाकर बॉय आर्डर क्जोज कर दी जिसके बाद योगिनी अनुप्रिया को पिता राम किशन वधवा, माता रजनी बाला समेत कोर्ट ने ब्लैकमेलिंग व साजिश के केस में सम्मन जारी किया।

 

इसी तरह लगातार झूठी शिकायतें करने पर जालंधर सिटी पुलिस ने आरोपी अनुप्रिया वधवा, पिता राम किशन वधवा के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत क्रिमिनल कंपलेट दायर कर रखी है जिसमें दोनों जमानत पर है। इनके विवाद की ताजा स्थिति यह है कि किराए के केसों में अपील चल रही है लेकिन स्टे नहीं है। किराए की कोठी में पड़ा मकान मालिक का सामान चोरी करने के मामले में पुलिस की ओर से राहत देने के फैसले को राजन ने हाईकोर्ट में चेलेंज कर रखा है।

 

वहीं, अनुप्रिया ने राजन पर चैक को लेकर भी एक केस कर रखा है जबकि राजन ने चैक केस को लेकर हाईकोर्ट में अपील कर रखी है। बहरहाल, मामले में अभी तक राजन गुप्ता का पक्ष भारी चल रहा है और उन पर लगाए तमाम आरोप झूठे साबित हो रहे हैं।

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663