पंजाब के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री श्री बलबीर सिंह सिद्धू के दिशा-निर्देशों पर अमल करते हुए ‘राज्य तम्बाकू कंट्रोल सैल’ ने पंजाब पुलिस के सहयोग से बच्चों और नौजवानों को तम्बाकू के प्रयोग से बचाने और रोक लगाने के लिए राज्य स्तरीय मुहिम शुरू की है।
राज्य तम्बाकू कंट्रोल सैल ने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय, चंडीगढ़ में पुलिस अधिकारियों की नेशनल तम्बाकू कंट्रोल प्रोग्राम सम्बन्धी कार्य-कुशलता बढ़ाने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया। राज्य भर के इंस्पेक्टरों / सब-इंस्पेक्टरों के रैंक के 50 पुलिस अधिकारी आज इस वर्कशॉप में शामिल हुए।
पंजाब इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के डायरैक्टर श्री प्रबोध कुमार ने कहा कि पुलिस अधिकारी तम्बाकू विरोधी कानूनों को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण हिस्सेदार हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि पुलिस विभाग अब स्वास्थ्य विभाग को पूर्ण सहयोग देकर राज्य में ई- सिगरेट रोकथाम एक्ट 2019 और अन्य तम्बाकू विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए काम करेगा।
पंजाब के स्वास्थ्य सेवाएं, डायरैक्टर डॉ. अवनीत कौर ने बताया कि साल 2018-19 के दौरान राज्य में उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद एक्ट (कोटपा)-2003 के अंतर्गत 23,886 चालान काटे गए और अप्रैल-दिसंबर 2019 में कुल 16,016 चालान काटे गए।
पंजाब कोटपा संशोधन एक्ट – 2018 के पास होने के बाद हुक्का बार पर मुकम्मल तौर पर पाबंदी लगाई गई है। उसने आगे कहा कि इस एक्ट के अंतर्गत उल्लंघन करने वालों को 3 साल की कैद और 50,000 रुपए जुर्माना किया जा सकता है।डॉ. राकेश गुप्ता, डायरैक्टर, ईएसआई पंजाब ने ई-सिग्रेेट सम्बन्धी पेशकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाब ऐसा पहला राज्य है जहाँ ई-सिग्रेट को 2013 के बाद ‘पाबंदीशुदा ड्रग’ घोषित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ने अब पूरे देश में ई-सिग्रेट बेचने पर पाबंदी है। इस ई-सिग्रेट निवारण एक्ट 2019 के अंतर्गत सब-इंस्पेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारी ही कार्यवाही करने में समर्थ हैं।