केंद्र सरकार ने सर्दियों में ही कर ली गर्मियों में बिजली बचाने की तैयारी, पढ़िए BEE का फैंसला
केंद्रीय ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने कहा है कि रूम यरकंडीशनर्स का डिफॉल्ट तापमान अब 24 डिग्री सेल्सियस होगा। जरूरत के हिसाब से इसे ऊपर नीचे किया जाएगा। BEE की रिपोर्ट मुताबिक एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए स्टॉर लेबलिंग कार्यक्रम ने अकेले वित्त वर्ष 2017-18 में अनुमानित 4.6 अरब यूनिट ऊर्जा बचत की है और इससे 3.8 करोड़ टन टन कार्बन उत्सजर्न कम करने में मदद मिली है। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, सरकार ने बीईई के साथ परामर्श कर कमरे के एसी के लिए ऊर्जा बचत के मानक 30 अक्टूबर, 2019 को ही अधिसूचित कर दिए थे। नए मानकों के अनुसार भारतीय सीजनल ऊर्जा दक्षता अनुपात (आईएसईईआर) स्प्लिट एयर कंडीशनरों के लिए (3.30 से 5.00) और विंडो एयर कंडीशनर के लिए (2.70 से 3.50) तक होगा। तापमान की डिफॉल्ट 24 डिग्री सेल्सियस की सेटिंग को छोड़कर बाकी कार्य प्रदर्शन मानक एक जनवरी, 2021 से लागू होंगे।अधिसूचना के अनुसार, स्टार लेबल वाले सभी ब्रांड और सभी प्रकार के रूम एयर कंडीशनरों अर्थात मल्टी-स्टेज कैपेसिटी एयर कंडीशनर, यूनिट्री एयर कंडीशनर और स्प्लिट एयर कंडीशनरों को 10,465 वॉट (9,000 किलो कैलोरी/घंटा) की कूलिंग क्षमता तक की आपेक्षित ऊर्जा, दक्षताओं के आधार पर एक से पांच स्टार तक रेटिंग दी गई है और जिनका भारत में निर्माण किया गया है या व्यावसायिक रूप से खरीदा या बेचा गया है, वे सभी एक जनवरी, 2020 से तापमान की डिफ़ॉल्ट सेटिंग सुनिश्चित करेंगे।बीईई ने 2006 में स्थिर गति रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए स्टार लेबलिंग कार्यक्रम शुरू किया था। इसे एक जनवरी, 2018 से अनिवार्य बनाया गया था। रूम एयर कंडीशनरों के लिए बीईई स्टार लेबलिंग कार्यक्रम में अब 10,465 वॉट (2.97 टीआर) तक की कूलिंग क्षमता वाले फिक्स्ड और इन्वर्टर आरएसी दोनों ही शामिल हैं।विज्ञप्ति के अनुसार कार्य प्रदर्शन के स्तर में लगातार वृद्धि से स्प्लिट इकाइयों के लिए न्यूनतम ऊर्जा प्रदर्शन मानकों (एमईपीएस) में लगभग 43 प्रतिशत ऊर्जा दक्षता सुधार हुआ है। ये इकाइयां बाजार में बेची जाने वाली सबसे लोकप्रिय आरएसी हैं।