राजेश कपिल/जालंधर
प्रसिद्ध बॉलीवुड कलाकार अजय देवगन के खिलाफ यहां की भ्रष्टाचार मामलों की एक विशेष अदालत ने पेश न होने पर बेलएबल वारंट जारी किए हैं। खबर है कि पिछली तारीख पर कोर्ट ने उनके निजी सहायक कुमार मांगट को ईमेल के ज़रिए सम्मन तामील करवाया था लेकिन बावजूद इसके अजय देवगन अदालत में पेश नहीं हुए जिसके चलते अब अदालत ने उनको बाध्य करने के लिए उपरोक्त कदम उठाया है। दरअसल, यह मामला देश के महान सपूत शहीद भगत सिंह के नाम जारी ग्रांट के दुरुपयोग से जुड़ा है जिसकी पार्ट पेमेंट अजय देवगन को भी हुई थी। यह ग्रांट पंजाब सरकार को दशक पूर्व मिली थी जिसको तत्कालीन जालंधर डिवीज़न कमिश्नर डॉ स्वर्ण सिंह ने खर्च किया था। शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) स्थित खटकड़कलां में आयोजित समागम में बॉलीवुड कलाकारों को बुलाकर कार्यक्रम किया गया था जिसके बाद में एक आरटीआई एक्टिविस्ट की शिकायत पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने खर्च घोटाला सामने आने पर केस दर्ज किया था। जांच में अजय देवगन सहित अन्य कई कलाकारों ने कम पेमेंट मिलने की बात ब्यूरो को बताई थी जबकि खर्च रिकॉर्ड में कई गुना अधिक बताई गई थी। कानूनी दृष्टि में अजय देवगन की गवाही इस घोटाले के मुख्य आरोपी डॉ स्वर्ण सिंह को सजा दिलाने के लिए काफी अहम है। कानूनविदों की माने तो अभी भी पेश न होने पर अभिनेता अजय देवगन के नॉन बेलएबल वारंट भी जारी हो सकते है और कोर्ट उनको हर तरह से पेश होने के लिए बाध्य कर सकती है क्योंकि यह एक संगीन मामला है। वहीं, कोर्ट के बुलाने पर सिंगर कुमारी साधना सरगम और उदित नारायण अपने वकील सुभाष शर्मा के ज़रिए पेश हो गए है। ट्रायल कोर्ट ने दोनों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए रिकॉर्ड करने के लिए तकनीकी शाखा को ज़रूरी इंतज़ाम करने का आदेश जारी किया है। दोनों की गवाही आगामी 23 अक्टूबर को होगी।