जय हिन्द न्यूज/नई दिल्ली।
बीमा क्लेम विवाद पर बनी हिन्दी फिल्म "ओह माय गॉड" का मुद्दा अंतत: प्रभावी होने जा रहा है यानि कि प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों को भी अब नुक्सान का मुआवजा मिलेगा। हालांकि इसका कवर अलग से होगा। नए तरह के कवर नोट के तहत भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं, तोड़-फोड़ एवं दंगे जैसी घटनाओं से होने वाले नुक्सान कवर होंगे। बीमा नियामक इंश्योरैंस रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया {IRDA} ने साधारण बीमा कंपनियों को 1 सितंबर से नई एवं पुरानी कारों और दोपहिया वाहनों के लिए अलग से इस प्रकार का बीमा उपलब्ध कराने को कहा है। IRDA ने सुप्रीम कोर्ट के फैसल्ो को देखते हुए अपने पहले के आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि 1 सितंबर से कार एवं दोपहिया वाहनों के लिए इस प्रकार की एकमुश्त बंडल वाली पॉलिसी खरीदना अनिवार्य नहीं होगा। वाहनों को बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा और दंगा-फसाद में होने वाली तोड़फोड़ की घटनाओं से होने वाल्ो स्व नुक्सान (आन डैमेज यानी ओडी) के जोखिम से बचाव के लिए खरीदी जाने वाली बीमा पालिसी को वैकल्पिक रखा गया है। इसमें पॉलिसी धारक के कहने पर आग और चोरी के नुक्सान को भी कवर किया जा सकता है। बीमा कंपनियों को अलग से स्वत: नुक्सान के कवर के साथ पूरी पैकेज पॉलिसी की पेशकश करने का भी विकल्प होगा। इसमें तीसरे पक्ष की बीमा पॉलिसी के साथ ही स्वत: नुक्सान का जोखिम कवर भी होगा। फिलहाल कंपनियों को स्वत: नुक्सान वाली बीमा पॉलिसी लंबी अवधि के लिए जारी करने की अनुमति नहीं होगी। नियामक ने यह भी कहा है कि पॉलिसी धारकों को सभी जोखिम एकमुश्त कवर करने वाली पालिसी में से केवल स्वत: नुक्सान के हिस्से का अलग से नवीनीकरण करने का भी विकल्प उपलब्ध होगा।