जय हिन्द न्यूज़/नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए. एस. बोपन्ना, बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। चारों जल्दी ही शपथ लेंगे। वर्ष 2014 के बाद पहली बार होगा कि सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत संख्या के मुताबिक पूरे 31 जज होंगे। इससे पहले केंद्र सरकार की आपत्ति को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपनी उस सिफारिश को दोहराया था जिसमें जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की गयी थी। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को वापस केंद्र को भेजते हुए कहा था कि वरिष्ठता को इन मामलों में अवश्य देखा जाता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही ये भी तय किया है कि वरिष्ठता के अलावा किसी हाई कोर्ट जज को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने के लिए उसकी योग्यता को उससे ज्यादा तरजीह दी जानी चाहिए।दरअसल केंद्र ने कॉलेजियम की उस सिफारिश को वापस लौटा दिया था। केंद्र सरकार ने वरिष्ठता क्रम के आधार पर कॉलेजियम को ये सिफारिश वापस भेजी थी। 12 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए. एस. बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी।