जय हिन्द न्यूज़/नई दिल्ली। अक्तूबर महीने के पहले हफ्ते में जहाँ सुप्रीमकोर्ट और हिमाचल हाइकोर्ट को नए चीफ जस्टिस मिले, वहीं यह हफ्ता पंजाब के सेशन जजों के मध्य प्रमोशन को लेकर बरसों से चल रहा आपसी विवाद भी निपटा गया। विवाद से जुड़ी पिटीशन की सुनवाई जस्टिस ए. के. सीकरी तथा जस्टिस ए.भूषण पर आधारित डबल बेंच की ओर से की गई थी। करीब माह पूर्व इस पर बहस सुनने के बाद फैंसले को डबल बेंच ने सुरक्षित रख लिया गया था। शीर्ष कोर्ट ने पंजाब के सेशन जजों के प्रमोशन विवाद से जुड़ी पिटीशन का निपटारा करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट प्रशासन की प्रमोशन पालिसी को खारिज कर 2.1.1 की रोस्टर नीति को लागू कर दिया है। दूसरे शब्दों में कहे तो अब परमोशन के समय नियमित प्रमोशन से 2, डायरेक्ट भर्ती से एक तथा आउट ऑफ टर्न नियम से 1 सेशन जज को सेेनिओरिटी लाभ मिलेगा। साथ ही अब पंजाब के अंदर खाली पड़ी सेशन जजों और एडिशनल सेशन जजों की पोस्टों पर नियुक्ति की जा सकेगी, जो इस केस के कारण रुकी हुई थी। इस ताज़ा फैंसले ने जहां पंजाब के 4 मौजूदा सेशन जजों को वरिष्ठता सूची में नीचे खिसका दिया है, वहीं कुछ एडिशनल सेशन जजों को सेशन जज बल्कि जल्द ही हाइकोर्ट जज बनने का रास्ता भी साफ कर दिया है। सेशन जज परमिंदर पाल सिंह और वरिंदर अग्रवाल सीनियोरिटी में क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर आ गए हैं जिनको जल्द ही बतौर सेशन जज लगाया जा रहा है।
शीर्ष कोर्ट ताज़ा फैंसले से जो जज वरिष्ठता सूची में नीचे खिसके है उनमें कपूरथला के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज किशोर कुमार प्रमुख है, उनकी नई सूची में तीसरा स्थान मिला है। हालांकि इनके साथ वाले दो जज साहिबान के.सी. गुप्ता और एन. के. गॉड सुनवाई के दौरान रिटायर हो चुके हैं। पुरानी विवादित सूची में जज किशोर कुमार के बाद दूसरे नंबर पर चल रहे परमजीत सिंंह जो बठिंडा के सेशन जज है, वो ताज़ा फैंसले के बाद खिसक कर चौथे नंबर पर आ गए हैं। फरीदकोट के सेशन जज हरपाल सिंह अब नई सूची में छठे स्थान पर आ गए हैं। इसी तरह नवाशहर के सेशन जज अमरिंदर सिंह गरेवाल अब आठवें नंबर पर आ गए है।
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