जकार्ता। इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियन गेम्स के 12वें दिन भारतीय पुरुष हॉकी टीम का फाइनल में पहुंचने का सपना चूर-चूर हो गया। मलेशिया ने सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को 7-6 से पटखनी देकर फाइनल में जगह पक्की कर ली। मलयेशिया ने भारत को पेनल्टी शूटआउट में मात दी। फुलटाइम तक दोनों टीमों का स्कोर 2-2 से बराबर होने के कार यह मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में चला गया। पेनल्टी शूटआउट में मलयेशिया की तरफ से 7 गोल दागे गए, जबकि भारत ने 6 गोल ही दाग पाए। बता दें कि 1998 के बाद पहली बार भारत के पास फाइनल में पहुंचने का मौका था, लेकिन भारतीय पुरुष हॉकी टीम को निराशा हाथ लगी। भारतीय टीम अब पाकिस्तान और जापान में से हारने वाली टीम के साथ ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलेगी। हार के बाद फिर से चर्चा छिड़ गई कि जब तक सिफारशी खिलाड़ियों को टीम में लिया जाता रहेगा, टीम कमज़ोर ही रहेगी। कुछ खेल प्रेमी तो हॉकी में पुलिस अफसरों की दखलअंदाज़ी से बेहद दु:खी है और उनके इशारे पर चलने वाले नॉन हॉकी प्लेयर को हॉकी उत्थान की बड़ी ज़िम्मेदारी दिए जाने से निराश है। जानकार बताते है कि हार के बाद टीम के खिलाड़ी आपस में भी जमकर बहसे जिससे भारत का वहां तमाशा भी बना। बहस में एक बड़े बिजनेसमैन का चहेता भी शामिल था जिसको विवादित होने के बाद भी बड़े पुलिस अफसर की सिफारिश पर टीम में लिया गया था।