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30 जून से दिल्ली मेट्रो की सेवाएं ठप होने की आशंका, जानिए वजह

By JNN news/New Delhi

Published on 29 Jun, 2018 09:55 AM.

नई दिल्ली (JNN) 'लाइफ लाइन' मानी जाने वाली दिल्ली मेट्रो सेवा भी ठप हो सकती है। वेतन वृद्धि व अन्य मांगों को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) कर्मचारी यूनियन ने 30 जून से हड़ताल करने की चेतावनी दी है। यदि ऐसा हुआ तो दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों को परेशानी होगी, इसलिए घोषित हड़ताल खत्म कराने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उधर, अगर हड़ताल हुई तो दिल्ली सरकार भी परेशानी में आ सकती है, क्योंकि मेट्रो ट्रेनों के नहीं चलने से ज्यादा से ज्यादा यात्री सार्वजनिक वाहन यानी बसों की तरफ भागेंगे। ऐसे में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) नाकाम ही साबित होगा, क्योंकि उसके पास बसों की काफी कमी है।

कर्मचारियों को मनाने का प्रयास तेज, आज अहम बैठक

क्षेत्रीय श्रम आयुक्त ने डीएमआरसी के अधिकारियों व यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मामले का पूरा हल नहीं निकल पाया। इसलिए शुक्रवार को भी इस मामले पर डीएमआरसी के निदेशकों व कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। प्रशासन को उम्मीद है कि समस्या का हल निकल आएगा। गौरतलब है कि पिछले साल भी कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की चेतावनी दी थी, लेकिन अंतिम समय में डीएमआरसी के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी। सबसे बड़ी मांग वेतन बढ़ोतरी की डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव महावीर प्रसाद ने कहा कि पिछले साल डीएमआरसी ने जिन मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया था वे अभी तक पूरी नहीं की गईं। कर्मचारियों को पांच साल पर पदोन्नति देने का प्रावधान है, लेकिन कर्मचारी 10 साल से एक ही पद पर काम कर रहे हैं। ग्रेड वेतनमान 13,500-25,520 रुपये का ग्रेड वेतनमान 14,000-26,950 रुपये में विलय किया जाएगा। कई कर्मचारी इससे भी उच्च वेतनमान की मांग कर रहे हैं।

19 जून से जारी है कर्मचारियों का प्रदर्शन

यूनियन के पदाधिकारी डीएमआरसी से यूनियन को मान्यता देने की भी मांग कर रहे हैं, जबकि डीएमआरसी इसके लिए तैयार नहीं है। गैर कार्यपालक कर्मचारियों की श्रेणी में मेट्रो ट्रेन चालक, स्टेशन कंट्रोलर, तकनीकी कर्मचारी व रखरखाव से संबंधित कर्मचारी शामिल हैं। वे अधिकारियों को मिलने वाली कई तरह की सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। इसलिए 19 जून से वे कई स्टेशनों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 25 लाख से अधिक लोग मेट्रो से करते हैं रोजाना सफर बता दें कि दिल्ली मेट्रो के जरिये करीब 25 लाख लोग रोजाना यात्रा करते हैं। इन यात्रियों में केवल दिल्ली के ही नहीं, बल्कि हरियाणा (गुरुग्राम, फरीदाबाद व बहादुरगढ़) और यूपी (नोएडा व गाजियाबाद) के मेट्रो यात्री भी शामिल हैं। वहीं, हड़ताल पर जाने के मुद्दे पर दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता का कहना है कि कर्मचारियों की कुछ एचआर संबंधी समस्याएं हैं। हमें उम्मीद हैं कि इन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। इससे पहले जुलाई, 2017 में भी ऐसी परिस्थिति आ गई थी, जब उसके नॉन-एग्जिक्यूटिव स्टाफ ने इसी तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। हालांकि, आखिरी समय पर डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल की बैठकों के बाद मसला टल गया था। हड़ताल करने वालों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी भी घटना और यात्रियों की असुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो प्रबंधन जिम्मेदार होगा। यहां पर याद दिला दें कि डीएमआरसी के कर्मचारी पिछले कई दिनों से लगातार अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों पर हाथ पर काली पट्टी बांधकर धरना दे रहे हैं। इनमें ट्रेन ऑपरेटर्स, स्टेशन कंट्रोलर, तकनीशियन, ऑपरेशन स्टाफ व अन्य स्टाफ शामिल है। बताया जा रहा है कि 10 सूत्री मांगों के ज्ञापन में मेट्रो कर्मचारियों ने मेट्रो मैनेजमेंट पर पिछले साल हुए समझौते को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, साथ ही मैनेजमेंट की तरफ से गैर-कार्यपालक कर्मचारियों के साथ वेतन में भेदभाव और शोषण की बात कही गई है।

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