नई दिल्ली : दवाओं की कीमतों को कम करने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार नई कीमत प्रणाली लेकर आ रही है। इसके तहत फार्मा उत्पादों के लिए नया प्राइस इंडेक्स बनेगा जो दवा कीमतों को नियंत्रित करेगा। इस प्राइस इंडेक्स में सभी दवाएं शामिल होंगी। एक सरकारी अधिकारी के हवाले से जारी खबर में बताया गया है कि प्रस्ताव अंतिम चरण में है और इसे जून के अंत तक नोटिफाई कर दिया जाएगा। यह इंडेक्स न सिर्फ डब्ल्यूपीआई के आधार पर दवा की कीमतें तय करने वाली व्यवस्था की जगह लेगा बल्कि यह नॉन शिड्यूल्ड दवाओं की कीमतों का नियमन भी करेगा। यह प्रस्ताव नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय हुआ है, जिससे दवा कीमत नियंत्रण आदेश 2013 में बदलाव किया जाएगा। इसके लागू होने के बाद सभी दवाओं की कीमतें बदल जाएंगी। फिलहाल 850 दवाओं की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण है। राष्ट्रीय फार्मासयुटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) इन दवाओं की हर साल कीमत तय करती है। कीमतें तय करने का आधार थोकमूल्य कीमत सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) है। जो इस नियंत्रण दायरे से बाहर हैं वे कंपनियां अन्य दवाओं की कीमतें साल में 10 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ा सकती हैं। योजना के तहत फार्मा कंपनियां कीमत के मामले में मनमानी नहीं कर पाएगी। मोदी सरकार ने जिस प्रणाली का प्रस्ताव किया है, उसके मुताबिक सभी दवाओं को नए फार्मास्युटिकल इंडेक्स में लाया जाएगा। दवा निर्माताओं को इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर दवाई की कीमतें तय करने का अधिकार होगा।