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पंजाब सरकार के युद्ध नशेयां विरूद्ध मुहिम को बड़ा झटका, प्रॉसीक्यूशन साबित नहीं कर पाया ड्रग का केस, तीन साल से जेल में बंद आरोपी बरी, पढि़ए

By JAI HIND NEWS/JALANDHAR

Published on 18 Sep, 2025 03:50 PM.

         जय हिन्द न्यूज/जालंधर

साल 2022, जब पंजाब सरकार की सत्ता आम आदमी पार्टी ने संभाली थी और भगवंत मान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही राज्य में नशों के खिलाफ मुहिम शुरू की थी। पंजाब पुलिस ने भी मुहिम के तहत धड़ाधड़ केस बनाए लेकिन इन केसों के परिणाम सामने आने लगे हैं।

 

 

 

ताजा खबर जालंधर की सैशन कोर्ट से सामने आ रही है कि यहां कि विशेष अदालत ने स्टेट स्पैशल आप्रेशन सैल (एसएसओसी) की ओर से साल 2022 में दर्ज केस में नामजद आरोपी मनप्रीत सिंह मन्ना को आरोप साबित न होने की सूरत में आज बरी कर दिया।

 

 

 

बीते तीन सालों से जेल में बंद तरनतारन के गांव किरतोवाल (थाना हरिके) निवासी 24 साल के मनप्रीत सिंह मन्ना को आज कोर्ट के फैसले के बाद जेल से रिहा किया जाएगा। पेशे से गांव के एक किसान होने का दावा करने वाले मन्ना के एसएसओसी ने दुश्मन देश से लिंक होने तथा नशा तस्करी में लिप्त होने के संगीन आरोप दागे गए थे।

 

 

 

पंजाब के जिला श्री अमृतसर साहिब में स्थापित विशेष एजैंसी एसएसओसी की थाना पुलिस ने 01.11.2022 को आज राहत पाने वाले मनप्रीत सिंह मन्ना तथा राओ बरिंदर सिंह के साथ नामजद किया था। मन्ना को एजैंसी ने जालंधर-फगवाड़ा हाईवे किनारे स्थित एलपीयू यूनीवर्सिटी के नजदीक से काबू करने का दावा किया था।

 

 

पंजाब पुलिस एजैंसी ने गिरफ्तारी के समय दावा किया था कि आरोपी के कब्जे से एक पिस्टल तथा एक रिवाल्वर समेत 15 जिंदा कारतूस तथा 2.66 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद करने का दावा किया था। मगर कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजैंसी की कहानी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और कोर्ट ने आरोपी मन्ना को बरी कर दिया।

 

 

जानकारी के मुताबिक डिफैंस लॉयर मनदीप सिंह सचदेव ने सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष यह साबित भी कर दिया कि कहानी मनगढ़त है और जांच एजैंसी के अफसरों के मुंह से सच भी उगलवा लिया। साबित हो गया कि आरोपी मन्ना को घर से उठाकर अरैस्ट एलपीयू के नजदीक से दिखाई गई।

 

 

 

इसी प्रकार कोई स्वतंत्र गवाह शामिल न करने के सवाल पर प्रॉसीक्यूशन खामोश रहा जबकि डिफैंस ने घर से पिकअप तथा घर से रकम ले जाने के गवाह भुगता दिए। वहीं, असहले की सैंक्शन बिना हथियार सीन किए देने का तथ्य भी आरोपी के फेवर में गया। हैरत यह भी कि प्रॉसीक्यूसन ने पंजाब सरकार की इज्जत बचाने की कोई खास कोशिश नहीं की।

 

 

बहरहाल, अब देखना शेष होगा कि बीते तीन साल से जेल में बंद मनप्रीत सिंह मन्ना को रिहाई के बाद पंजाब सरकार झूठा केस चलाने के एवज में मुआवजे का ऐलान करती है और झूठा केस बनाने वाले अफसरों या अदालत में केस की कमजोर पैरवी करने वाले सरकारी वकीलों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है, यह तो समय ही बताएगा।
 

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