जय हिन्द न्यूज/जालंधर
शहर के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र फोकल प्वाइंट से खबर आई है जहां दो रईस घरानों का आपस में एक संपति को लेकर विवाद हो गया है। पता चला है कि अग्रवाल घराने के उद्योगपति ने कोर्ट में केस करके फैक्टरी जबरन खाली करवाने पर स्टे आर्डर मांगा है तो दूसरी तरफ फैक्टरी खरीदने वाले शर्मा घराने के युवक ने दो दिन पहले फैक्टरी में एंट्री भी मार ली जिसके चलते मामला पुलिस के पास भी पहुंच गया है।
अब हुआ यह है कि दोनों पक्षों के विवाद में जहां बिकी हुई फैक्टरी के मजदूर पिस रहें हैं क्योंकि आरोप लगा है कि नए मालिक शर्मा शर्मा ने अपने खाकी वर्दी वाले सिक्योरिटी गार्ड लाकर उन पर अत्याचार किया। वहीं, दूसरी तरफ इन दोनों पक्षों की मध्यस्तता करवाने वाली फोकल प्वाइंट एसोसिएशन के प्रधान व पदाधिकारी बीच में फंसें दिखाई दे रहे हैं।
कारण यह बताया जा रहा है कि खरीददार ने फैक्टरी की रजिस्ट्री दो महीने देरी से करवाई जिसके चलते एसोसिएशन ने अपने लैटर पैड पर लिखित में दोनों पक्षों का राजीनामा करवाया था। अब जो सहमति पत्र ड्राफ्ट करवाया गया था उसमें उन्होंने फैक्टरी खाली करने के लिए अग्रवाल को 13 महीने का समय दिया था लेकिन शर्मा ने 13 महीने पूरे होने से पहले ही फैक्टरी पर अपना अधिकार जमा लिया।
पता चला है कि शर्मा ने पुलिस अफसरों को राजीनामा में लिखे 13 महीनों का तर्क यह दिया है कि वो 13 महीनों में कभी भी फैक्टरी पर अपना अधिकार स्थापित कर सकता है। वहीं, अग्रवाल का तर्क है कि उन्होंने फैक्टरी की अचल संपति यानि जमीन बेची है न कि उसमें पड़ीचल संपति जैसे मशीनरी व अन्य साजो-सामान। शर्मा ने गैरमौजूदगी में ऐसा करके अपराध किया है जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
बहरहाल, मामला पुलिस के पास पहुंचा है। पुलिस दोनों पक्षों को सुन रही है। मजदूरों ने शर्मा के साथ आए खाकी वर्दी वाले निजि सिक्योरिटी गार्ड्स पर अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं तथा फैक्टरी का उत्पादन रोकने की बात कही है। वहीं, शर्मा ने तर्क दिया है कि उन्होंने अग्रवाल से फोकल प्वाइंट के प्लाट बी-17, 24, 25 और 26 की औपचारिक खरीद कर ली है। रजिस्ट्री भी हो चुकी है।
शर्मा ने पुलिस को बताया है कि प्लाट नंबर 24, 25 से 26 के अंदर कोई दीवार नहीं है। वे प्लाट नंबर 25 से 26 में मालिकाना अधिकार के तहत दाखिल हुए हैं। किसी के साथ कोई अत्याचार नहीं हुआ है। कब्जा हैंडओवर करने को लेकर बेवजह विलंब किया जा रहा है। अग्रवाल को मशीनरी व अन्य चल संपति हटाने को कह दिया गया है। कोर्ट में भी पेश होकर जबाव दाखिल कर दिया जाएगा।
जानकारों के मुताबिक एसोसिएशन ने दोनों पक्षों का विवाद लिखित में निपटा दिया था। कोर्ट केस की जानकारी मिलते ही शर्मा ने खाकी वर्दी वाले निजि सिक्योरिटी गार्ड्स लेकर फैक्टरी में एंट्री मार ली। अग्रवाल को जब पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी। वर्करों ने भी शर्मा और उसके निजि सिक्योरिटी वालों पर धक्केशाही का आरोप लगाया।
बहरहाल, पुलिस पसोपेश में और एसोसिएशन दोनों के बीच फंसी दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि शहर के काफी प्रभावशाली लोग मामले का हल करने में लगे हैं। वहीं, दोनों पक्ष एक-दूसरे के रवैये से क्षुब्ध दिखाई दे रहे हैं और अब कानूनी कार्रवाई पर जोर दे रहे हैं। देखना शेष होगा कि शहर के दो रईसों का विवाद अब क्या रंगत लेता है।