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ब्लैकमेलिंग से 1500 करोड़ की रिश्वत का महाघोटाला, MLA रमन अरोड़ा को जेल, बेटे राजन और ATP's को चाहिए बेल, जल्द खल्लास होगा राजू का खेल, पढ़िए किसकी जमानत अर्जी हुई खारिज, अगला नंबर आदमपुर-भोगपुर वालों का!

By RAJESH KAPIL, EDITOR IN CHIEF

Published on 02 Jun, 2025 05:14 PM.


जय हिन्द न्यूज/जालंधर
बालाजी का नाम जपना-पराया माल नपना। ब्लैकमेलिंग से 1500 करोड़ की रिश्वतखोरी के महाघोटाले को अंजाम देने के आरोपी किंगपिन विधायक रमन अरोड़ा को आज न्यायिक हिरासत के लिए जेल भेजने का आदेश जारी हो गया। आरोपी अरोड़ा को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (VB) बीते 9 दिनों से ग्रिल कर रही थी।

 

 

 


पहले 5 तो फिर 4 दिनों के विजिलैंस रिमांड के बाद आज आरोपी विधायक रमन अरोड़ा को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की मांग पर कोर्ट ने मोहर लगाई। सूत्रों की माने तो रिमांड के दौरान विजिलेंस ने जांच के विभिन्न तौर-तरीकों से आरोपी रमन अरोड़ा से सारा सच उगलवा लिया है। सुनने में यह भी आया है कि ब्यूरो के विशेष दल ने कुछ रिकार्ड आधारित दस्तावेज दिखाकर भी अरोड़ा के खूब पसीने छुड़वाएं हैं।

 

 

 


उधर, अति सुविज्ञ सूत्रों से ही जानकारी मिली है कि विजिलेंस ब्यूरो अब मुख्य आरोपी रमन अरोड़ा के फरार चल रहे सबसे बड़े राजदार कुड़मचार राजकुमार उर्फ राजू मदान की गिरफ्तारी के काफी नजदीक पहुंच चुकी है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि ब्यूरो मदान को आज शाम तक शिकंजे में ले सकती है। मदान कार्ड नामक फर्म का संचालन करने वाले राजू मदान काफी शातिर किस्म के माने जाते हैं।

 

 

 


वहीं, दूसरी तरफ गिरफ्तार हो चुके एटीपी सुखदेव वशिष्ठ ने न्यायिक हिरासत से राहत पाने के लिए स्थानीय सैशन कोर्ट में रैगुलर जमानत अर्जी दायर की है। वहीं, आरोपी रमन अरोड़ा के फरार चल रहे बेटे राजन अरोड़ा ने भी अग्रिम जमानत अर्जी दायर की है। दोनों पर सुनवाई 4 जून को होगी। हालांकि एक एटीपी रवि पंकज शर्मा की ओर से गिरफ्तारी के डर से दायर की अग्रिम जमानत अर्जी दायर को सैशन कोर्ट ने खारिज कर दिया गया है।

 

 

 


सूत्रों से यह भी पता चला है कि विजिलेंस ATP रविंदर कुमार को भी तलाश रही है जिसने फरारी के दौरान अपनी अग्रिम जमानत अर्जी दायर की है। फिलहाल इसकी सुनवाई कब होगी, इस बारे जानकारी नहीं मिली है। मगर यह स्पष्ट हो गया है कि VB की जांच से घबराए नगर निगम जालंधर के बिल्डिंग स्टाफ को अब हाथों-पैरों की पड़ी हुई है।

 

 

 


नगर निगम के आंतरिक सूत्रों की माने तो निगम के अंदर जिस किसी ने भी कोई भी घोटाला या गलत काम किया है, रब्ब-रब्ब करते फिर रहे हैं। चर्चा है कि नगर निगम के तीन बड़े अधिकारियों ने हाल ही में अपना टेवा भी चैक करवाया है जिनको टोल-फ्री (टोल से पहले ही करने वाले) उपाय बताए गए हैं। बहरहाल, आरोपी रमन अरोड़ा के गिरोह में शामिल रहे सरकारी व प्राइवेट लोगों की नींद हराम हुई पड़ी है। दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में सारे के सारे जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
 

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