पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पांच साल से लंबित अपील का निपटारा तो दूर निचली कोर्ट से अपील सुन रही कोर्ट तक फ़ाइल न पहुँचने पर गहरी चिंता जताते हुए एक सख्त आदेश जारी किया है। मामला श्री अमृतसर साहिब की जिला अदालत से जुड़ा है। उच्च कोर्ट ने इसे न्याय में देरी के अधिकारों का उल्लंघन बताया।
माननीय जस्टिस एनएस शेखावत ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि यह बहुत हैरान करने वाली बात है कि अपीलीय अदालत ने पांच साल तक केस रिकॉर्ड मंगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
रिकॉर्ड देखने पर हैरत जताते हुए माननीय जज ने पाया कि अपील कोर्ट ने सिर्फ रूटीन आदेश जारी किए और रिकॉर्ड न आने पर परवाह तक नहीं की। अदालत ने कहा कि ऐसी लापरवाही माफ नहीं की जा सकती, क्योंकि इससे उन लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता, जो उम्मीद के साथ अदालत आते हैं।
दरअसल, याचिका पांच साल से लंबित अपील को तीन महीने में निपटारे की मांग के साथ दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने पाया कि ट्रायल कोर्ट से अपील कोर्ट तक रिकॉर्ड भेजने में देरी की गई, जबकि दोनों अदालतें अमृतसर में ही हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर जिला और सत्र न्यायाधीश अमृतसर ने रिपोर्ट दी कि ज़िम्मेदार अदालत के तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है क्योंकि उन्होंने केस रिकॉर्ड मंगाने के आदेश के बावजूद डॉकेट जारी नहीं किया। साथ ही जल्द प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद जताई।
रिपोर्ट पढ़ने के बाद जस्टिस शेखावत ने कहा कि तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और यह फैसला उन सभी जजों को भेजा जाए जिन्होंने इस केस की सुनवाई की थी। साथ ही, सभी न्यायिक अधिकारियों को भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह दी गई।
बता दे कि अपील 3 जनवरी 2020 को दाखिल हुई थी और अब भी 1 अप्रैल 2025 तक लंबित है। अंत में अदालत ने आदेश दिया कि अपीलीय अदालत को 1 अप्रैल 2025 तक या उसके एक हफ्ते के अंदर केस का निपटारा करना होगा और किसी भी हालत में इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।