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SUPREME COURT ने सरकारों को दिए सख्त निर्देश, PUNJAB और HARYANA सरकारों को पराली जलाने के मुद्दे पर लगाई फटकार

By jai hind news desk

Published on 23 Oct, 2024 02:16 PM.

सुप्रीम कोर्ट ने PUNJAB और HARYANA सरकार की जमकर खिंचाई की। अदालत ने कहा कि दोनों राज्यों ने पराली जलाने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की। अदालत ने कहा कि अगर ये सरकारें सच में कानून को लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक अभियोजन जरूर होगा। SUPREME COURT  ने PUNJAB के मुख्य सचिव से कहा कि करीब 1080 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन आपने सिर्फ 473 लोगों से मामूली जुर्माना वसूला है। आप 600 या उससे ज्यादा लोगों को बख्श रहे हैं। हम आपको साफ-साफ बता दें कि आप उल्लंघनकर्ताओं को यह संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। यह पिछले तीन सालों से हो रहा है। हरियाणा के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 400 फसल जलाने की घटनाएं हुईं। साथ ही राज्य में 32 FIR  दर्ज की गई हैं। इस पर SUPREME COURT ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पराली जलाने वालों के आंकड़ों के बारे में झूठ बोला जा रहा है। आंकड़े हर मिनट बदल रहे हैं।

 



शीर्ष अदालत ने कहा कि हरियाणा लोगों का चयन कर रहा है। उसके अनुसार कुछ लोगों से मुआवजा लिया जा रहा और कुछ के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है। पीठ ने कहा, 'हम कुछ पर एफआईआर दर्ज करने और कुछ पर मामूली जुर्माना लगाने को लेकर चिंतित हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से पूछा, पराली के बारे में क्या किया जा रहा है और क्या किसानों को कुछ प्रदान किया गया है? इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि पराली के निस्तारण के लिए करीब एक लाख मशीनें दी गई हैं, जिससे पराली जलाने में कमी आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और पंजाब तथा हरियाणा राज्यों को यह याद दिलाने का समय आ गया है कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। वायु प्रदूषण के मामले को दिवाली के बाद स्थगित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह दिल्ली में परिवहन से उत्पन्न प्रदूषण, शहर में भारी ट्रकों के प्रवेश और खुले में कूड़ा जलाने के मुद्दों पर विचार करेगा।

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