हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग ने एक बड़ा एक्शन लिया है। हाल ही में, 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। यह कदम उन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उठाया गया है, जिन्होंने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में उचित कार्रवाई नहीं की। पराली जलाना एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है, जो वायु प्रदूषण को बढ़ाता है और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। हरियाणा में किसानों द्वारा फसल कटाई के बाद पराली जलाने की प्रथा आम है, जिससे धुएं के कारण वायु गुणवत्ता में गिरावट आती है।
इस कार्रवाई का उद्देश्य किसानों को जागरूक करना और उन्हें वैकल्पिक उपायों के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे पराली को जलाने के बजाय अन्य तरीकों से निपट सकें। कृषि विभाग की यह पहल एक सकारात्मक कदम है, जो प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि अन्य अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेंगे और इस समस्या को हल करने में मदद करेंगे।