डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के दोषी बाबा राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इस फैसले से अब राम रहीम के खिलाफ इस मामले में ट्रायल की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी. SUPREME COURT की बेंच, जिसमें जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन शामिल थे, ने हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने राम रहीम को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है. यह मामला बरगाड़ी में श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की बेअदबी से संबंधित है, जिसमें राम रहीम पर गंभीर आरोप लगे हैं. मार्च में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में तीन मुकदमों की जांच पर रोक लगा दी थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि राम रहीम को हर चुनाव से पहले फरलो पर रिहा किया जाता रहा है, जिससे उसे थोड़ी राहत मिलती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं, और अब निचली अदालत में उसके खिलाफ ट्रायल जारी रहेगा. PUNJAB सरकार ने SUPREME COURT में दलील दी कि इस संवेदनशील मामले में न्याय होना जरूरी है, क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है. सरकार ने कहा कि HIGH COURT द्वारा जांच पर रोक लगाने से मामले की सुनवाई बाधित हो रही है और इससे न्याय प्रक्रिया में देरी हो रही है. SUPREME COURT ने सरकार की दलीलों को स्वीकारते हुए हाईकोर्ट की रोक को हटा दिया और राम रहीम के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर ट्रायल फिर से शुरू करने का रास्ता साफ कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब निचली अदालत में RAM RAHIM के खिलाफ ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. यह मामला बेहद संवेदनशील है और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है, राम रहीम पहले से ही अन्य मामलों में दोषी हैं, और इस नए ट्रायल से उनकी कानूनी परेशानियां और बढ़ सकती हैं.