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SUPREME COURT: INDIA के किसी हिस्से को पाकिस्तान कहने का हक नही, SUPREME COURT ने कार्यवाही की बंद

By Jai Hind News Desk

Published on 25 Sep, 2024 02:58 PM.

SUPREME COURT ने बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज को फटकार लगाकर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर शुरू की गई कार्यवाही को बंद कर दिया। दरअसल, हाईकोर्ट के जज वेदव्यसचार श्रीशनंदा ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए बंगलूरू के समुदाय विशेष बहुल इलाके को 'पाकिस्तान' बता दिया था। साथ ही सुनवाई के दौरान जज ने महिला वकील पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 

 



सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि हाईकोर्ट के जज ने टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया है। उन्होंने अब माफी मांग ली है। इसलिए इसे बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहा जा सकता है। कभी-कभी हम कुछ कह देते हैं। हम सभी अब जनता की नजर में हैं। इसलिए मामले को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। 

 


दरअसल, CJI की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति वी. श्रीशेषानंद ने अपनी टिप्पणियों के लिए खुली अदालत में 21 सितंबर को माफी मांग ली है। इसलिए कार्यवाही बंद की जाती है। पीठ ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि न्याय निर्णय का मूल और आत्मा निष्पक्षता और न्यायपूर्णता है। जजों को केवल उन्हीं मूल्यों से निर्देशित होना चाहिए जो संविधान में निहित हैं। 

 


शीर्ष न्यायालय ने एक महिला वकील के खिलाफ टिप्पणियों और एक अन्य मामले में बंगलूरू में मुस्लिम बहुल इलाके को ‘पाकिस्तान’ कहने को लेकर हाईकोर्ट के जज की आपत्तिजनक टिप्पणियों पर 20 सितंबर को स्वत: संज्ञान लिया था। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने संवैधानिक अदालतों के जजों की टिप्पणी के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय करने की जरूरत बताई थी। पीठ ने आज नसीहत भरी टिप्पणी देते हुए मामले की कार्यवाही बंद कर दी। पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एस खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एच रॉय भी शामिल हैं।


इससे पहले 20 SEPTEMBER को शीर्ष अदालत ने KARNATAK HIGH COURT के जज द्वारा अदालती कार्यवाही के दौरान एक महिला वकील के खिलाफ कथित तौर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर भी स्वत: संज्ञान लिया था। दरअसल अदालती कार्यवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें जज, महिला वकील को फटकार लगाते दिख रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरान उन्होंने महिला वकील के खिलाफ कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी की थीं।



वायरल वीडियो में दिख रहा था कि जज ने महिला वकील को फटकार लगाते हुए कहा था कि 'ऐसा लगता है कि वह विपक्षी पार्टी के बारे में काफी ज्यादा जानती हैं और इतना जानती हैं कि वह शायद उनके अंडरगारमेंट्स के रंग भी बता सकती हैं।' वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने की अपील की थी। 

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