जय हिन्द न्यूज/जालंधर
करीब दस साल बीत जाने के बाद भी शहर के चर्चित डॉक्टर बलराज गुप्ता को ठगी-ठोरी के एक मामले में आज तक न सजा मिल पाई न राहत। यह राज्य सरकार के जस्टिस डिलीवरी सिस्टम के खोखले दावों का प्रमाण ही है कि केस दर्ज करने के दशक बीत जाने के बाद भी मामले की जांच ठंडे बस्ते में है।
दरअसल, स्थानीय शहीद उधम सिंह नगर स्थित रतन अस्पताल के संचालक डॉ. बलराज गुप्ता के खिलाफ साल 2013 के दौरान थाना 6 में एक ठगी-ठोरी का मामला दर्ज किया गया था। आरोपी डाक्टर को किस्मत का धनी कहे या सिस्टम को धनी, उन्होंने इस मामले में जमानत तक नहीं ली और मामला सैटल भी कर लिया।
बता दे कि मामला 28.08.2016 को कोर्ट के पास पहुंचा था तो कोर्ट शिकायतकर्ता के साथ राजीनामा होने के बावजूद भी केस रद्द करने को नहीं माना था। कोर्ट ने कैंसलेशन रिपोर्ट को रिजैक्ट करके मामले की आगे जांच का आदेश दिया था। अब इस मामले में थाना पुलिस ने आगे की जांच पर आधारित रिपोर्ट पेश करनी थी कि साल 2018 में थाना पुलिस ने किसी प्रभाव अधीन फिर से कैंसलेशन रिपोर्ट पेश कर दी।
अत: हुआ यह कि आरोपी डॉक्टर बलराज गुप्ता के इस मामले में बिना कोई आगे जांच किए पुलिस ने दोबारा कैंसलेशन रिपोर्ट पेश करने पर कोर्ट ने थाने के जांच अधिकारी की खूब खिंचाई की थी। कोर्ट ने पुराने आदेश को अनदेखा करने पर 20.07.2019 को संज्ञान लेते हुए मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश जारी किया था और केस रद्द करने से एक बार फिर इंकार कर दिया था।
अब उम्मीद थी कि थाना पुलिस मामले की जांच करेगी लेकिन केस की जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कोर्ट के दोबारा आदेश जारी करने के बाद आज पांच साल बीत चुके हैं लेकिन बानगी देखिए आरोपी डॉक्टर बलराज गुप्ता को न तो दोषी ठहराया गया और न ही राहत देते हुए दोबारा कोर्ट को सूचित किया गया है।
उधर, पता चला है कि इस मामले को लेकर शहर के कुछ संगठनों ने राज्य सरकार को रिप्रैजेंटेशन देकर माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जाने का फैसला कर लिया है। ज्ञात हुआ है कि संगठन के लोग आरोपी डॉक्टर के खिलाफ दर्ज अन्य मामलों का भी रिकार्ड जुटा रहे हैं जिसमें थाना 4 में दर्ज भ्रूण लिंग जांच का मामला प्रमुख है। अब देखना शेष होगा कि इस मामले में सरकारी तंत्र इसका क्या संज्ञान लेता है।