JALANDHAR के NEW JAWAHAR NAGAR में कोठी नंबर 462 की गलत रजिस्ट्री करवाकर करोड़ों रुपए हड़पने का खेल में नया खुलासा हुआ है। असल में इस खेल का मास्टर माइंड कोई और ही है। जबकि FIR रिटायर हो चुके क्लर्क के खिलाफ करवा दी गई है। फिलहाल यह केस अब सरकार के पास पहुंच गया है, जिससे इसमें कई खुलासे हो सकते हैं।
JALANDHAR IMPROVEMENT TRUST के अफसर और क्लर्कों पर FIR दर्ज होने के बाद JALANDHAR से लेकर राजधानी चंडीगढ़ CHANDIGARH तक हड़कंप मचा हुआ है। चंडीगढ़ में इस बात को लेकर अफसर हैरान हैं कि चेयरमैन अपने स्तर पर ईओ जैसे अफसर के खिलाफ एफआईआर कैसे दर्ज करवा सकते हैं।
न्यू जवाहर नगर में कोठी संख्या 462 की कीमत करोड़ों रुपए है। यह कोठी बाहर से कबाड़ और खंडहर लग रही है। लेकिन इसकी कीमत करोड़ों रुपए में है। क्योंकि ये रोड कामर्शियल है, जिससे यहां जमीन कामर्शियल है। जिससे इस पूरी कोठी को हड़पने की बड़ी साजिश रची जा रही है।
इस कोठी की रजिस्ट्री साल 2011 में गलत तरीके से चेयरमैन रहे बलजीत सिंह नीलामहल के समय हुई। तब जांच में कहा गया कि साल 1982 में इस कोठी को गुरमीत सिंह, अमरीक सिंह और जगमोहन सिंह पुत्रगण बख्शीस सिंह के नाम पर की गई थी।
लेकिन साल 2011 में इस कोठी को गलत तरीके से राजवंत कौर पत्नी जगमोहन सिंह के नाम पर कर दी गई। आरोप लगाया गया कि क्लर्क रहे मुख्तियार सिंह और पवन कुमार ने इस फाइल में छेड़खानी की है। जबकि इस खेल का मास्टर माइंड कोई और ही था। इसे लेकर मुख्तियार सिंह और पवन कुमार पुलिस कमिश्नर को बयान दर्ज करवाने वाले हैं।