जय हिन्द न्यूज रिपोर्ट/चंडीगढ़
स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (एसआईटी) की जांच में पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी मास्टरमाइंड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की पुलिस हिरासत तथा जेल से इंटरव्यू तस्दीक होने से गैंगस्टर-पुलिस की आपसी सांठगांठ खुलकर सामने आ गई है। प्रबल संकेत मिलने लगे हैं कि खुद पुलिस ही वीआईपी ट्रीटमैंट देकर गैंगस्टरवाद को प्रमोट करती आ रही है।
माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह खुलासा एसआईटी चीफ डीजीपी प्रबोध कुमार की जांच रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में हत्या आरोपी गैंगस्टर का पहला इंटरव्यू पंजाब के जिला मोहाली की सीआईए खरड़ शाखा में रिमांड के दौरान जबकि दूसरा राजस्थान की जयपुर सेंट्ल जेल में होना तस्दीक हुआ है जिससे पंजाब और राजस्थान पुलिस के चेहरे बेनकाब हो गए हैं।
बहरहाल, इस मामले में माननीय हाईकोर्ट के जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल व जस्टिस लपिता बैनर्जी की खंडपीठ ने राजस्थान सरकार के गृह एवं न्याय विभाग को नोटिस जारी कर प्रतिवादी बनाते हुए जबाव दाखिल करने को कहा है। मामले पर अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी जिसके चीफ मान अधिकार प्रकोष्ठ के डीजीपी प्रबोध कुमार ने आठ महीने बाद अपनी रिपोर्ट पेश की।
खंडपीठ ने कहा कि यह कोर्ट की आंखों में धूल झोंकने अथवा अदालत की कार्रवाही को गुमराह करने का प्रयास है। जो एक गंभीर मामला है। सही समय आने पर ऐसा करने वाले अफसरों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। हाईकोर्ट ने पिछले फैसले में कहा था कि लॉरेंस के इंटरव्यू का टेलीकास्ट होने के बाद संभव है कि अपराध का ग्राफ बढ़ा है। ऐसे में डीजीपी बताएं कि मार्च 2023 से लेकर दिसंबर 2023 तक नौ माह में फिरौती, अपहरण और गवाहों को प्रभाव में लेने के कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। गैंगस्टर लॉरेंस ने सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस के बयान के मुताबिक मूसेवाला सिंगिंग की बजाय गैंगस्टरवाद में पैर जमा रहा था। अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा कत्ल में मूसेवाला का हाथ था इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में लांरैंस ने जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था और अपनी बैरक भी दिखाई थी। उसके मुताबिक उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल और सिग्नल मिल जाता था।
इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा था सुनवाई में साफ हो गया गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े छिपी हैं जो गैंगस्टरों के साथ मिलकर क्राइम का ग्राफ बढ़ा रही है। उनकी दलील का संकेत यह भी कि संभवत: निधडक़ फिरौती मांगने वालों को भी पुलिस का ही संरक्षण होगा जिसका जीवांत उदाहरण डीएसपी गुरशेर सिंह संधू का वह मामला है जिसने धमकी की शिकायत मिलने के बाद भी गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी और फिर माननीय हाईकोर्ट को डीजीपी को डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देना पड़ा है। संभावना है कि उसकी भूमिका की भी जांच इस मामले में होना तय माना जा रहा है।
ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि उच्च अदालत ने तय किया है कि जो भी इस मामले में शामिल होंगे, उन पर सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, इस मामले में जो भी सुपरवाइजर होंगे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले में डीजीपी एफिडेविट फाइल करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर 2024 को तय की गई। फिलहाल गुजरात जेल में बंद है लॉरेंस गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुड़े केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है।
बता दे कि हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी। जांच एजैंसियों के पास इनपुट है कि आतंकी गैंग की तरह लॉरेंस का स्लीपर सेल आतंकियों की तर्ज पर अपना स्लीपर सेल तैयार कर चुका है। स्लीपर सेल से जुड़े गुर्गे आम लोगों की तरह हमारे बीच में रहते हैं। ये पेशेवर अपराधी नहीं हैं, लेकिन आका (लॉरेंस) का इशारा मिलते ही टारगेट किलिंग करने से भी नहीं चूकते।