जय हिन्द न्यूज/जालंधर
यहां के बस स्टैंड से सटे एजीआई बिजनैस सैंटर स्थित ओम वीजा की छवि बिगाडऩे की साजिश रचने के दूसरे आरोपी को भी स्थानीय सैशन कोर्ट ने आज आग्रिम जमानत लाभ देने से इंकार कर दिया। बता दे कि इससे पहले मुख्य आरोपी युवती सिमरनप्रीत कौर की बेल रिजैक्ट हो चुकी है। पता चला है कि दोनों की बेल रिजैक्ट होने के बाद सिटी पुलिस ने दोनों फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
कमिश्नरेट पुलिस जालंधर की ओर से क्रिमिनल केस दर्ज करने के बाद से ही फरार चल रहे प्रिंस मसीह ने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए स्थानीय सैशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपराध को संगीन मानते हुए आरोपी युवती को अग्रिम जमानत लाभ देने से इंकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी।
सैशन कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अब आरोपी प्रिंस मसीह को भी फरार चल रही आरोपी युवती सिमरन प्रीत कौर के साथ राहत के लिए माननीय हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच करनी होगी। केस की जांच कर रही पुलिस टीम का मानना है कि प्राथमिक जांच में दोनों आरोपियों ने संगीन जुर्म को अंजाम दिया है जिसकी हिरासती पूछताछ होना अति जरूरी है।
गौरतलब है कि ट्रेवल ट्रेड में नामी फर्म ओम वीजा के मालिक साहिल भाटिया की शिकायत पर सिटी पुलिस ने उनके ही आफिस की पूर्व महिला कर्मी सिमरनजीत कौर निवासी गुरदासपुर व प्रिंस मसीह निवासी गांव गाखल थाना मकसूदां के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420 तथा 13 पीटीटीआर एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
श्री भाटिया के आरोप अनुसार उनके आफिस में आरोपी सिमरनजीत कौर बीते काफी समय से नौकरी करती थी। कुछ माह पहले ही उसने नौकरी छोड़ दी जिसके बाद उनके आफिस में गुरदासपुर निवासी आकाश ठाकुर नामक क्लाइंट आया, जिसने बताया कि उसने यूके स्टडी वीजा के लिए उनकी कंपनी के जरिए अप्लाई करने के लिए यूनिवर्सिटी फीस जमा करवाने के लिए उक्त आरोपी सिमरणजीत को पैसे दिए थे जिसने वो रकम प्रिंस के साथ मिलकर खुद डकार ली और बाद में आफिस छोड़ दिया।