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मंत्री बलकार से अवार्ड प्राप्त मोबाइल डीलर-कम-इमीग्रेशन एजैंट वीजा फ़्रॉड जालसाजी मामले में "सखी" समेत नामजद, दोनों फरार, तलाश में छापेमारी, पढ़िए पुलिस एक्शन

By RAJESH KAPIL, EDITOR IN CHIEF

Published on 01 Aug, 2024 04:25 PM.


         जय हिन्द न्यूज/जालंधर


ओल्ड सब्जी मंडी के ओल्ड मोबाइल डीलर सुरिंदर सहगल उर्फ कन्नहैया पर सिटी पुलिस ने बीती रात शिकंजा कसा है। मोबाइल कारोबार के साथ लाइसैंस लेकर दि वीजा हाऊस के नाम से ट्रैवल एजैंटी का कारोबार करने वाले कन्नहैया के खिलाफ पुलिस ने थाना 4 में ठगी-जालसाजी की संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। 

 

 

पता चला है कि केस में उनकी मुंहबोली पार्टनर/सखी रश्मि सचदेवा को भी नामजद किया गया है। दोनों के खिलाफ राज्य के भोले-भाले लोगों को फर्जी दस्तावेज दिखाकर विदेश भेजने का झांसा देकर ठगने का आरोप है। बताते हैं कि केस दर्ज होने के बाद से दोनों फरार है और पुलिस दोनों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

 

 

 

एक मुखबिर खास की सूचना के आधार पर खुद सीआईए स्टाफ के सब-इंस्पैक्टर पलविंदर सिंह के बयान पर थाना 4 में दर्ज की एफआईआर में 660, जे.पी नगर, नजदीक गोल्डी मैडीकल, जालंधर निवासी सुरिंदर सहगल पुत्र रमेश सहगल तथा 601, छठी मंजिल, पॉम रॉयल सोसाइटी, वडाला रोड जालंधर निवासी रश्मि सचदेवा को ट्रैवल लाइसैंस की आड़ में फर्जीवाडा करने का आरोपी मानकर जांच शुरु की गई है। वहीं, आसपास के एजैंट भी जांच के घेरे में लाने की बात कही है।

 

 

 


उधर, सूत्रों का दावा है कि पुलिस के केस दर्ज करने के बाद से दोनों आरोपी फरार हो गए हैं जबकि दावा किया जा रहा है कि पुलिस के विशेष दल ने आरोपी के आफिस की सर्च करके भारी मात्रा में फर्जीवाडा का रिकार्ड बरामद किया है। फिलहाल सिटी पुलिस ने इस मामले पर कोई जानकारी सांझा नहीं की है लेकिन सूत्रों का दावा है कि दोनों आरोपी विदेशी कालेजों के फर्जी ऑफर लैटर दिखाकर स्टूडैंट्स को ठग रहे थे जिसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।

 

 

 


वहीं, पुलिस एक्शन के बाद आरोपी सुरिंदर सहगल उर्फ कन्नहैया के लाइसैंस और ऑफिस के पते को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। कारण बताया जा रहा है कि आरोपी कन्नहैया ने पुलिस लाइंस रोड जालंधर स्थित वासल मॉल की तीसरी मंजिल का पता देकर लाइसैंस हासिल किया है और उसमें कोई भी पार्टनर का जिक्र नहीं है जबकि कारोबार पता बदल कर और पार्टनर के साथ किया जा रहा है।

 

 

 


डीसी ऑफिस जालंधर से जारी ट्रेवल लाइसैंस बाबत जानकारी रखने वालों के मुताबिक लाइसैंस धारक खुद अकेला ही कारोबार कर सकता है, उसके आधार पर कोई अन्य यदि काम करना चाहता है, तो उसकी पुलिस जांच के बाद डीसी से मंजूरी होनी जरूरी है। इसी प्रकार जिस पते पर लाइसैंस जारी हुआ है, उसी पते पर कारोबार किया जा सकता है क्योंकि उस पते की क्षेत्रीय थाना से जांच हुई होती है।

 

 

 

बहरहाल, पुलिस की जांच में अब क्या उल्लंघन और गैरकानूनी धंधा किए जाने की बातें सामने आती है, उसका इंतजार किया जा रहा है। वैसे दोनों फरार आरोपियों के दिए नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन दोनों के नंबर बंद आ रहे हैं। फिर भी यदि उनको अपना पक्ष प्रकाशित करवाना हो तो वो बेझिझक संपर्क कर सकते हैं।
 

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