जय हिन्द न्यूज़ डेस्क/जालंधर
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर फरवरी से जारी किसान आंदोलन पर बुधवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि बैरिकेडिंग एक हफ्ते मे खोली जाए और इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी हरियाणा और पंजाब दोनों सरकारों की होगी। हाईकोर्ट ने किसानों को कानून व्यवस्था बनाए रखने की नसीहत देते हुए विकल्प दिया कि किसान चिन्हित जगहों पर आंदोलन कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि अब शंभू बॉर्डर पर महज 500 प्रदर्शनकारी हैं, इस लिए अब यह हाईवे खोला जा सकता है। यह हाईवे पिछले पांच महीने से बंद है इसे अब और बंद नहीं रखा जा सकता है। वहीं शुभकरण की मौत मामले में FSL रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में पेश की गई। रिपोर्ट के अनुसार शुभकरण के सिर पर शॉट गन की गोली का जख्म लगा है। HIGH COURT ने झज्जर पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में SIT बना जांच के आदेश दिए हैं। शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को 108 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 13 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन के कारण शंभू टोल प्लॉजा को बंद किया गया था। तब से अभी तक अंबाला लुधियाना राजमार्ग शुरू नहीं हो सका है।
उधर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों की तरफ चहलकदमी बढ़ गई। किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर बॉर्डर खुलता है तो वह दिल्ली जाएंगे। वहीं अंबाला प्रशासन का कहना है कि अभी उनके पास आदेश की कॉपी नहीं पहुंची है। अंबाला के व्यापारी संगठनों को भी हाईकोर्ट के आदेश की कापी का इंतजार है।
बता दे कि हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने शंभू बॉर्डर खुलवाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। शांडिल्य ने बताया कि पांच महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद है। इससे अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। याचिका में मांग की गई थी कि शंभू बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से खोलने के आदेश दिए जाएं। याचिका में पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया।