Latest News

*जिमखाना क्लब की लेडी मैंबर्स को ब्लैकमेल करने का मामला, पोल-खोल पोर्टल के संदीप वधवा को भेजा जेल, गोलमाल पोर्टल का संचालक अभिनंदन फरार, एलओसी जारी, गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कर रही छापेमारी, पढि़ए सिटी पुलिस का पोर्टलों के खिलाफ लाइन ऑफ एक्शन*

By JAI HIND NEWS/JALANDHAR

Published on 27 Mar, 2024 03:44 PM.

          जय हिन्द न्यूज/जालंधर


जिमखाना क्लब की महिला मैंबर्स समेत ऑफिसर्ज वाइव्स को बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने के आरोप में नामजद किए दि पोल-खोल टीवी नामक वैब पोर्टल संचालक संदीप वधवा को दो दिन के रिमांड के बाद कोर्ट के आदेश पर बीती शाम जेल भेज दिया गया। वहीं, जांच में अन्य वैब पोर्टल गोलमाल के संचालक अभिनंदन भारती का नाम बतौर किंगपिन सामने आने के बाद पुलिस ने उसे भी नामजद कर लिया और उसकी एलओसी भी जारी कर दी है।

 

 

 

 

ताजा जानकारी मिली है कि सिटी पुलिस की थाना 7 पुलिस ने आरोपी अभिनंदन भारती की गिरफ्तारी के लिए बीती शाम और आज दोपहर भी उसके घर रेड की लेकिन वो घर पर नहीं मिला। जांच अधिकारी सुखदेव से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी संदीप वधवा से पूछताछ से सामने आया है कि ब्लैकमेलिंग का मास्टर माइंड अभिनंदन भारती ही था जबकि उसने सिर्फ उसकी खबरों को ग्रुप्स में फारवर्ड किया था।

 

 

उधर, पता चला है कि भले दोनों आरोपियों को बचाने के लिए शहर के दो-चार पुराने पत्रकारों, एक बिल्डर और कुछ नेताओं ने कमिश्नर स्वपन शर्मा तक पहुंच की लेकिन सभी को दो-टूक जबाव मिल गया कि मामला अफसरों की पत्नियों को ब्लैकमेल करने का है। अत: वो इस मामले में भले धरना लगाए या फिर ऊपर बात कर लें, पुलिस कार्रवाई किसी भी कीमत पर नहीं रूकेगी।

 

 

वहीं, सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी सामने आ रही है कि शहर के असंख्य लोगों जिनमें कुछ नामी डाक्टर और होटल मालिक भी शामिल है, ने पुलिस कमिश्नर को पहुंच करके इस प्रकार के पोर्टल संचालकों का पक्का हल निकालने की भी मांग की है। पता चला है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसी मामले की जांच के दौरान पुलिस ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रैस काऊंसिल ऑफ इंडिया को भी पत्र भेजे हैं।

 

 

 

सूत्रों के मुताबिक उक्त पत्रों में पुलिस ने यह स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या वैब पोर्टल संचालक खुद की पहचान बतौर पत्रकार या संपादक बता सकता है या उनकी तरह समाज में काम कर सकता है? क्या वैब पोर्टल संचालक रजिस्टर्ड अखबार व चैनलों के पत्रकारों की तरह खबरें लिखकर उनका न्यूज शेप में प्रकाशन कर सकता है? क्या वैब पोर्टल संचालक न्यूज चैनल के पत्रकारों की तरह माइक आई-डी बनवाकर समाज में खबरें कवर करने के लिए सक्रिय हो सकता है? क्या ऐसे वैब चैनलों के संचालकों को खुद को यह कहने का अधिकार देता है कि मैं प्रैस-मीडिया से हूं और यह कि मैं प्रैस मीडिया से बोल रहा हूं?

 

 

 

यही नहीं पुलिस अपने पत्र के जरिए यह भी स्पष्ट करवाने जा रही है कि क्या ऐसे वैब पोर्टल संचालकों को पत्रकार या संपादक बनकर आम जनता, राजनेताओं और सरकारी अफसरों से सवालों के जबाव लेने का अधिकार है? पुलिस ने ऐसा स्पष्टीकरण मांगते समय अपना उद्देश्य भी स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच के साथ ही समाज से नकली मीडिया का खात्मा करना चाहती है। अब देखना शेष होगा कि इस मामले की जांच आने वाले समय में क्या रूख लेती है।

 

 

 

संपर्क करने पर जांच अधिकारी सुखदेव सिंह ने बताया कि आरोपी संदीप वधवा बाबत जांच में सामने आया है कि वो पहले पक्का बाग में हलवाई था, फिर फाइनांसर बना, फिर प्रापर्टी कारोबार में आया, फिर रैस्टोरैंट भी खोला, ट्रेवल एजैंटी का लाइसैंस लेकर धंधा भी किया लेकिन लॉकडाउन के दौरान उसने देखा-देखी में दि पोल-खोल टीवी के नाम से पोर्टल खोल लिया और समाज में अपना कद बढ़ाने के लिए अपना निजि पंजाबी प्रैस क्लब भी खोल लिया।

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, उनके आधार पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ई-मेल भेजकर आरोपी संदीप वधवा बारे जानकारी मांगी गई है कि आरोपी का वैब पोर्टल सोशल मीडिया कानून के तहत बने नियमों का पालन कर रहा था या नहीं? क्योंकि वैब पोर्टल संचालकों के लिए मंत्रालय को अपैंडिक्स भरकर घोषित करना अनिवार्य है। साथ ही स्पष्ट किया कि पूछताछ के दौरान आरोपी संदीप वधवा ने सिर्फ उदयम सर्टीफिकेट ही पेश किया है जबकि यह पत्रकारी करने के लिए नाकाफी है।
 

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663