जय हिन्द न्यूज/जालंधर
साल 2018 में ग्रीन चिल्ली होटल-रैस्टोरैंट का फर्जी ऑफर लैटर लगाकर, कनाडा पी.आर. और वर्क परमिट दिलाने का झांसा देकर ठगी-जालसाजी करने के आरोप में बीते साल नामजद किए शातिर फर्जी ट्रैवल एजैंट गिरोह को पहले एफआईआर दर्ज तो अब कोर्ट के एक ताजा फैसले से लाल मिर्ची लगी है।
जानकारी मिली है कि केस दर्ज होने के बाद पहले खुलेआम घूमते रहे ठग ट्रैवल एजैंट गिरोह के किंगपिन डा. नगेन्द्र खेड़ा को स्थानीय सैशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत लाभ देने से इंकार कर दिया है। पता चला है कि कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी डिसमिस किए जाने के बाद फरार चल रहे आरोपी डॉ. नगेन्द्र खेड़ा की तलाश में सिटी पुलिस ने फिर से छापेमारी शुरू कर दी है। वैसे फरार डॉक्टर के पास हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट जाने का विकल्प भी खुला है।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने उसके शेखां बाजार स्थित क्लीनिक की भी रेकी शुरू कर दी है। बता दे कि फरार आरोपी डॉ. नगेन्द्र खेड़ा पर विदेशी एजैंट हरप्रीत सिंह सेठी के साथ मिलकर भारत में अवैध तौर पर ट्रैवल कारोबार करने और फर्जी लैटर पेश करने का आरोप है। बताते है कि आरोपी दवाई लेने आने वालों की विदेश जाने की नब्ज भी साथ ही टटोल लेता था और 100 में से एक को अपने जाल में फांस ही लेता था।
रिकाडऱ् मुताबिक संबंधित मामला जालंधर के गांव कंगनीवाल जालंधर निवासी रविंदर सिंह पुत्र जीत सिंह के पुत्र जोधवीर सिंह से जुड़ा है जिस पर कनाडा दूतावास ने फर्जी दस्जावेजों के चलते आंशिक बैन भी लगा दिया है। इस मामले में सिटी पुलिस ने गहन-लंबी और विस्तार जांच के बाद गैर-जमानती धाराओं के तहत किंगपिन डा. नगेन्द्र खेड़ा सहित उसके साथ मिलकर बस स्टैंड जालंधर के निकट दा कन्सल्ट कल्ब नामक फर्जी ट्रैवल एजैंटी का आफिस खोलने वाले पुनीत महाजन तथा कनाडा निवासी हरप्रीत सिंह सेठी को भी नामजद किया है।
बता दें कि इस मामले में शिकायत जालंधर के एक चार्टेड अकांऊटैंट (सीए) रजिंदर कुमार नारंग तथा उनके बेटे सौरभ नारंग के खिलाफ भी थी लेकिन पुलिस ने जांच में उनको निर्दोष करार दिया क्योंकि विवादित रकम से ज्यादा वो पीडि़त पक्ष को लौटा चुके थे। साथ ही स्पष्ट कर चुके थे कि गिरोह ने उनके साथ भी ठगी-जालसाजी की है जिसकी शिकायत अलग से चल रही है। हालांकि दूसरी तरफ पुलिस के समक्ष आरोपी डा. नगेन्द्र खेड़ा भी खुद को निर्दोष बता चुका है लेकिन पुलिस जांच से उसकी सारी पोल खुल गई है।
शिकायतकर्ता रविंदर सिंह के मुताबिक उनके सीए रजिंदर कुमार नारंग ने बेटे जोधवीर को उसी जरिए कनाडा भेजने का प्रस्ताव पेश किया था जिस जरिए से उनका बेटा सौरभ नारंग कनाडा गया था। विगत 07.06.2021 को सिटी पुलिस कमिश्नर को पेश शिकायत में बताया कि उसका लडक़ा जोधवीर सिंह साल 2016 में स्टडी वीजा पर आस्टे्रलिया गया था। उसका वहां वीजा 15.03.2020 तक था कि उसी दौरान वो साल 2018 में भारत आया था और सीए नारंग की बातों से प्रभावित होकर वो आरोपी डा. नगेन्द्र खेड़ा और हरप्रीत सिंह सेठी को 11 लाख रुपए दे बैठा।
बकौल रविंदर सिंह, उसके सीए नारंग ने कनाडा जिस बिजनैसमैन हरप्रीत सिंह सेठी के पास बेटा भेजा था, उससे बात करवाई और सौैदा 40 हजार कैनेडियन डालर (करीबन 25 लाख रुपए) में तय हो गया था। सेठी के कहने पर सी.ए नारंग ने रविंदर सिंह से एक लाख रुपए और पासपोर्ट कापी इत्यादि दस्तावेज पकड़ लिए। इसके बाद 4.5 लाख रुपए का चैक सीए नारंग को दिया। वर्क परमिट का बोलकर 5.52 लाख रुपए हरप्रीत सिंह सेठी ने विदेशी खाते में ट्रांसफर करवा दिए।
करीबन 11 लाख रुपए देने के बाद भी कनाडा का सपना साकार होता दिखाई न दिया तो रविंदर सिंह ने सख्ती से बात करनी शुरू कर दी। भेद तब खुला जब उन्होंने किसी अन्य एजैंट की मदद ली और दूतावास से आवेदित फाइल हासिल की। खुलासा हुआ कि आवेदन फर्जी दस्तावेजों के कारण खारिज कर दिया गया था और भविष्य में वीजा देने पर आंशिक रोक लगा दी गई।
मामला पुलिस के पास गया तो पहले पतारा पुलिस के समक्ष राजीनामा हो गया और रकम लौटा दी गई लेकिन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जो कांड आरोपी पक्ष ने किया था, उसको लेकर पेंच फंस गया। अंतत: पीडि़त रविंदर सिंह ने स्टैंड लिया और दोबारा सिटी पुलिस को शिकायत दी थी। मगर सिटी पुलिस की बानगी देखिए बीते 6 महीने से गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद भी किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया।
ताजा मामले ने जहां सिटी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है, वहीं इस मामले ने आम आदमी पार्टी द्वारा संचालित भगवंत मान सरकार के फर्जी ट्रैवल एजैंटों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने के दावों की पोल भी खोल कर रख दी है कि ग्राऊंड लेवल पर दावों पर कोई अमल नहीं किया जा रहा।
बहरहाल, देखना शेष होगा कि बिना लाइसैंस ट्रैवल एजैंटी का धंधा करते चले आ रहे चर्चित डा. नगेन्द्र खेड़ा पर कानून अपना शिकंजा कब कसता है क्योंकि यह पहला मामला सामने नहीं आया है जब फरार आरोपी किंगपिन डा. नगेन्द्र खेड़ा पर बिना लाइसैंस ट्रैवल कारोबार करने का आरोप लगा है। हालांकि बीते समय में खेड़ा रकम लौटाकर एफआईआर से बचता चला आ रहा था लेकिन यह पहला मामला है जब उसे नामजद किया गया है।