जय हिन्द न्यूज रिपोर्ट/जालंधर
विवादों में रहने वाले PMG अस्पताल गत दिवस फिर सुर्खियों में उस समय आया जब वहां इलाज दौरान एक पौने 2 बरस की बच्ची के मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। मृतक बच्ची के परिजनों ने इलाज कर रहे डॉक्टर और स्टाफ पर बच्ची की मौत का जिम्मेवार ठहराया है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्ची अस्पताल लाते समय दम तोड़ चुकी थी लेकिन अस्पताल संचालक डॉक्टर ने बिल बनाने के लालच में मृत शरीर को वेंटिलेटर पर डाल दिया। करीब चार घंटे चले हंगामे के बाद थाना 2 पुलिस और IMA के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ जब पीड़ितों का आरोप झेल रहे डॉक्टर मदान ने संभवतः अपनी गलती मान पीड़ित पक्ष के साथ राजीनामा कर लिया। IMA प्रेसिडेंट ने बिल न लेने की पुष्टि की।
मृतक बच्ची के पिता मेहर प्रवीण निवासी मकसूदा ने डॉक्टर मदान पर आरोप लगाते हुए बताया कि 27 जुलाई को उनकी बच्ची ने गलती से ऑल आउट का रिफिल मुंह में डाल लिया था उसके बाद उनकी बच्ची की तबीयत बिगड़ गई पहले तो अन्य अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन हालात बिगड़ने पर उसको शिफ्ट किया गया था।
उन्होंने बताया कि वो एंबुलेंस चालक की सलाह पर बच्ची को पीएमजी हॉस्पिटल में ले आए लेकिन भर्ती के समय ही बच्ची साँस नहीं ले रही थी। मगर फिर भी उन्होंने जब बच्ची को PMG अस्पताल में भर्ती कराया बच्ची तो उसे वेंटिलेटर में रखा गया जहां अगले दिन उसकी डेथ declare कर दी गयी।
परिजनों का कहना है कि बच्ची की मौत 27 तारीख को रात को ही हो गई थी लेकिन डॉक्टर अपने पैसे बनाने के लिए बच्ची को वेंटिलेटर में डालकर इलाज करते रहे। मृतक बच्ची के समर्थन में आए समाज सेवक राहुल बजाज, और नरेश नागपाल ने बताया कि मृतक बच्ची के परिजनों के कहने पर यहां पर आए हैं प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांत करवा कर राजी नामा करवा दिया है।