जय हिन्द न्यूज/जालंधर
केंद्र और राज्य सरकार के खजाने को चूना लगाने वाले चूना बाबुओं पर GST विभाग लगातार घात लगाकर हल्ला बोल रहा है। राज्य सरकार की जांच नीति के तहत अब PGST विभाग अब ट्रैवल ट्रेड पर अपना शिकंजा कसने लगा है।
जीएसटी विभाग ने यहां के कपूरथला चौक स्थित एक करोड़ वाली फर्म ब्रॉडवे ऑवरसीज को अपनी जांच के घेरे में लिया है। अब यदि टैक्स रिटर्न में दी जानकारी से ज्यादा कारोबार का पता चलता है तो बढ़ा हुआ टैक्स वसूलने के लिए टैक्स डिमांड नोटिस जारी होगा। इससे फर्म को टैक्स चोरों की सूची में शामिल होने पर काफी नामोशी होगी।
जीएसटी के 3 ईटीओ पवन कुमार, मनवीर बुट्टर और गुरजीत सिंह और इंसपेक्टरों सहित 15 लोगों की टीम ने सोमवार की दोपहर फर्म के ऑफिस में दबिश दी है। एईटीसी शुभी आंगरा के आदेश पर कार्रवाई की गई है। टीम ने फर्म के कारोबार, कमाई, सेवाओं के तौर तरीकों, टैक्स रिटर्न के साथ बिजनेस डाक्यूमेंट्स की तुलना की है।
टैक्स माहिरो के मुताबिक करदाता के पास टैक्स लगाए जाने पर अपील का अधिकार होगा। फिलहाल जो सर्वेक्षण हो रहे हैं, पूरी जांच पड़ताल के बाद टैक्स जमा कराने में की गई गड़बड़ियां साफ होंगी। बताया गया है कि विभाग के पास पुख्ता सूचना पहुंची है कि फर्म संचालक टैक्स चोरी का खेल कर रहा है। अगर जांच में सामने आएगा तो ट्रैवल फर्म के ख़िलाफ़ income Tax, E.D की भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
उधर, टैक्सेशन विभाग के जानकार बताते हैं कि इमीग्रेशन कंपनियों के सर्वेक्षण की मुख्य वजह इस बात का अंदेशा है कि वह रकम का बड़ा हिस्सा बगैर बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लेते हैं। इससे कमाई का बड़ा हिस्सा छिपा लेते हैं, इसका पूरा टैक्स नहीं देते।
ओवरसीज एजुकेशन से जुड़े लोग जो सर्विस फीस लेते हैं, उनकी रसीद पर फीस की रकम नाॅमिनल दर्ज की जाती है जबकि बाकी मोटी रकमें सीधे जेब में डाल ली जाती हैं। इस तरीके से इनकम टैक्स की चोरी भी हो जाती है और ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए यह लोग गलत ढंग अपनाते है जिससे E.D एजेंसी की जांच के दायरे में आ जाते है।