जय हिन्द न्यूज रिपोर्ट/जालन्धर
राज्य में AAP की सरकार आने के बाद भी रिश्वतखोरी जिंदाबाद का नारा गूंजता सुनाई दे रहा है। कारण, अवैध निर्माणों के चलते पहले से बदनाम जालंधर शहर में अब भी यह सिलसिला जारी है और इन दिनों प्रताप बाग क्षेत्र में तेजी से हुए अवैध दुकान निर्माण का मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल क्षेत्र की अवैध दुकानों पर नगर निगम के अधिकारियों की मेहरबानी देखने को मिल रही है क्योंकि इस अवैध काम के बदले अफसरों के नाम की रिश्वत डकार गए युवा नेता ने गत दिवस सीलिंग की कार्रवाई होने पर अफसरों का मुँह मीठा करवा दिया था। मगर उससे पहले सील तोड़ने को लेकर एफआईआर के लिए सिफारिश तो कर दी, लेकिन एकाएक ही सब साइलेंट मोड पर चले गये हैं। इससे आम आदमी पार्टी और Mann सरकार की आम जनता में जमकर फजीहत हो रही है।
प्रताप बाग में अवैध रूप से बन रही दुकानों में से तीन को रात में एटीपी और उनकी टीम ने सील कर दिया था। इसके अगले ही दिन इन तीनों दुकानों की साल उनके मालिकों ने तोड़ दी। इसके बाद इंस्पैक्टर ने राघव ट्रेडर्स, गुरमीत ट्रेडिंग कंपनी और प्रकाश ट्रैडिंग कंपनी के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की एमटीपी से सिफारिश की और बाकी आसपास की दुकानों पर कोई एक्शन नहीं लिया जिससे मामला गरमा गया।
एमटीपी नीरज भट्टी ने राघव ट्रेडर्स, गुरमीत ट्रेडिंग कंपनी और प्रकाश ट्रैडिंग कंपनी के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए ज्वाइंट कमिश्नर शिखा भगत से सिफारिश की। शिखा भगत ने इसकी फाइल कमिश्नर दविंदर सिंह को भेजी, लेकिन चार दिन बाद भी इन तीनों के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज करवाई जा सकी है।