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*STATE BANK OF INDIA को "चूना" लगाने और विजिलेंस ब्यूरो को चकमा देते आ रही पूर्व पार्षद की PO घोषित पत्नी और मां को ब्यूरो ने किया गिरफ्तार, पढ़िए क्या किया था कारनामा*

By RAJESH KAPIL, EDITOR

Published on 01 Oct, 2022 08:09 PM.

स्टेट विजीलैंस ब्यूरो पंजाब ने आज दो ऐसी महिलाओं को गिरफ़्तार किया है जो साल 2017 में दर्ज हुए एक जालसाज़ी केस में वांछित थी और गिरफ़्तारी से बचने के लिए फ़रार (पी.ओ.) चलीं आ रही थीं।

 

 

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि मुलजिम अनीता और अम्बिका, दोनों निवासी सुल्तानपुर लोधी, ज़िला कपूरथला के ख़िलाफ़ जनवरी 2021 को विजीलैंस थाना जालंधर में एफआईआर नंबर 05 09. 03. 2017 को आइपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120- बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13( 1( और 13( 2) के अधीन दर्ज की थी और पीओ करार दे दी गई थीं।

 

 


उन्होंने बताया कि उपरोक्त दोषी महिलाएं सुल्तानपुर लोधी के पूर्व काऊंसलर तिलक राज की पत्नी और माता हैं। तिलक राज इस मामलो में 05- 02- 2018 में पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। उक्त मुलजिम महिलाओं ने स्टेट बैंक आफ इंडिया ( एसबीआइ) की शाखा सुल्तानपुर लोधी और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभुगत करके जाली और फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों पर क्रमवार 20 लाख और 28 लाख रुपए का कर्ज़ लिया था। उक्त दर्ज होने के बाद यह दोनों हाईकोर्ट से ज़मानत ख़ारिज होने के बाद 28- 08- 2018 से फ़रार थे।

 

 

प्रवक्ता ने आगे बताया कि यह मामला विजीलैंस जांच नंबर 12/ 2013 के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें मई 2013 से अप्रैल 2016 के समय के दौरान समकालीन दोषी मैनेजर सुलिन्दर सिंह और अन्यों की तरफ से जाली दस्तावेज़ों के आधार पर एस. बी. आई. से खेती कर्जों से सम्बन्धित के कुल 107 केस मंज़ूर किये गए थे जिसके द्वारा बैंक के साथ 15 करोड़ 83 लाख रुपए का गबन किया गया।

 

 

 


उन्होंने आगे कहा कि विजीलैंस ब्यूरो ने पहले पड़ाव के दौरान 14 कर्ज़ों के मामलों की जांच की और इन मामलों में कुल 33 मुलजिमों को नामज़द किया गया। उन्होंने बताया कि अब तक 26 मुलजिमों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और 7 मुलजिम अभी भी फ़रार चल रहे हैं जिनको जल्दी ही गिरफ़्तार कर लिया जायेगा।

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