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*जालंधर के नटवर लाल ट्रेवल एजैंट डॉक्टर की ठगी का शिकार हुआ एक और पीडि़त परिवार आया सामने, कैनेडा पीआर दिलाने का झांसा देकर पांच लाख ठगने का आरोप, 28 लाख में किया था पूरे टब्बर को पीआर दिलाने का वायदा, पढि़ए अब क्यों निकले हैं इस नटवर बाबू के अरैस्ट वारंट*

By RAJESH KAPIL

Published on 10 Jun, 2022 05:09 PM.

          जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 


किसी जमाने में हवाला कारोबार में नाम आने से काफी चर्चा में रहे शेखां बाजार में क्लीनिक चलाने वाले डॉ. नगिन्दर खेड़ा अब फर्जी ट्रेवल कारोबार करके लोगों को ठगने के आरोपों से ROZANA ही खूब चर्चा में हैं।

 

 

 

हाल ही में पुडा विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी राम नरंजन कैंथ की ओर से शिकायत किए जाने के बाद अब इसके खिलाफ कोर्ट में लंबित एक मामले में वारंट ऑफ अरैस्ट (नॉन बेलऐबल वारंट) जारी होने की खबर सामने आ रही है।

 

 

 


Buring News यह है कि स्थानीय सोढल क्षेत्र के 29-ए न्यू कैलाश नगर निवासी राजीव महाजन पुत्र तरसेम कुमार महाजन द्वारा नैगोशिएबल इंस्ट्रूमैंट एक्ट की धारा 138 के तहत दायर क्रिमिनल केस की सुनवाई करते हुए माननीय अदालत ने पेशी से कन्नी काट रहे 53, 75/ए सी गार्डन कालोनी, नजदीक माडल टाउन श्मशामघाट के अब अरैस्ट वारंट यानि गैरजमानती वारंट जारी किए हैं। याची ने आरोपी डॉ. के खिलाफ सिविल सूट भी दायर किया है।

 

 

 


वकील कमल किशोर अरोड़ा के जरिए दायर शिकायत में श्री महाजन ने कोर्ट को अवगत कराया है कि आरोपी डाक्टर नगिंदर खेड़ा ने खुद को ट्रेवल एजैंट बताकर अपना परिचय दिया था और कैनेडा पीआर दिलाने का वादा करके 28 लाख रुपए की डील की थी। पांच लाख रुपए एडवांस लिए थे। काफी समय बीत जाने तक भी कोई फाइल तैयार नहीं हुई तो काफी मांग करने पर आरोपी ने पांच लाख रुपए का रिटर्न चैक जारी किया जो बैंक में पेश करने पर बांऊस हो गया जिससे डॉक्टर द्वारा किया GOLMAL सामने आ गया।

 

 

 


बकौल श्री महाजन, आरोपी बेहद शातिर किस्म का व्यक्ति है और "गल्लां दा कड़ाह" बनाने में काफी माहिर है। बातों ही बातों में कभी शहर के रईस लोगों तो कभी बड़े अफसरों के नाम लेकर फोन अटैंड करके काफी प्रभाव डालता रहा है। हमारी बिरादरी का भी एक राकी इसका मरीज था जिसके जरिए इसने हम पर कैनेडा भेजने को लेकर डोरे डाले। अंधा यकीन होने पर मैनें इसके खाते में थोड़े-थोड़े करके कुल पांच लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए लेकिन यह वीजा तो दूर की बात कोई फाइल तक तैयार नहीं करवा पाया।

 

 

 

जानकार लोग बीच में पड़े तो चैक देकर पहले तो अपनी जान थोड़े समय के लिए छुड़ा ली लेकिन जब चैक बांउस हुआ तो इसके सुर बदल गए। अत: वकील के लिए कोर्ट में केस दायर किए और पुलिस में भी शिकायत दायर की लेकिन सिटी पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया।

 

 

 

अब देखना शेष होगा कि खुद अपनी गलती स्वीकार कर चुका नटवर लाल डॉक्टर नगिंदर खेड़ा आने वाले समय में कानून की मार से बचने के लिए क्या-क्या पैतरें अपनाता है।

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