जय हिन्द न्यूज/जालंधर
नगर निगम के पूर्व कमिश्नर करनेश शर्मा अपने तबादले से पहले 13.04.2022 को डिप्टी कमिश्नर को एक पत्र लिखते हैं। उस पत्र में वो शहर के श्री गुरु रविदास चौक के निकट स्थित ''Harjas Filling Station” जो कि श्री गुरु रविदास नगर के प्लाट नंबर 10 पर स्थापित है, को बिना नक्शा व एनओसी के स्थापित बताकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश करते हैं।
इस पत्र के बाद आज तारीख 14.05.2022 है अर्थात एक माह बीत चुका है लेकिन न तो कोई कार्रवाई होती है और न ही पंप का संचालन रोकने की दिशा में कोई कदम उठाया जाता है। हालांकि नगर निगम कमिश्नर के पत्र में यह हवाला दिया गया है कि यह पैट्रोल पंप रिहायशी इलाके में स्थापित किया गया है जिससे आसपास के रिहायशी को इससे खतरा बताया गया है।
ऐसी सूरत में जब नक्शा पास करने और किसी इमारत को एनओसी तथा कंपलीशिन सर्टीफिकेट देने वाली अथारिटी नगर निगम कमिश्नर जिला प्रशासन प्रमुख को रिहायशी क्षेत्र को हर पल के खतरे का अंदेशा जताकर कोई सिफारिश पत्र लिखते हैं, तो ऐसे में यह सवाल उठने लाजिमी है कि...
क्या ''Harjas Filling Station” का नक्शा फर्जी है?
क्या ''Harjas Filling Station” की एनओसी फर्जी है?
क्या ''Harjas Filling Station” का कंपलीशिन सर्टीफिकेट फर्जी है?
क्या ''Harjas Filling Station” का पैट्रो लाइसैंस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल किया गया है?
क्या ''Harjas Filling Station” का बिजली मीटर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल किया गया है?
क्या ''Harjas Filling Station” का फायर एनओसी फर्जी है या फिर दस्तावेजों के आधार पर हासिल किया गया है?
क्या ''Harjas Filling Station” का वाटर-सीवरेज कनैक्शन फर्जी है या फिर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल किया गया है?
या फिर यह सवाल भी हो सकता है कि क्या ''Harjas Filling Station” के खिलाफ नगर निगम कमिश्नर जालंधर जो एक आईएएस अधिकारी है, ने जो पत्र डिप्टी कमिश्नर को लिखा है, वो बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट लिए बिना ही जारी किया गया है?
मगर जाहिर सी बात है कि यह प्रशासनिक पत्र है जिसको संभवत: रिकार्ड से रिपोर्ट हासिल करने के बाद ही जारी किया गया होगा जिसको लिखे एक महीना पूरा हो चुका है लेकिन कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात वाली स्थिति बनी हुई है और पंप चालू हालत में दिखाई दिया है।
उधर, सूत्रों की मानें तो इस सारे मामले में एक राजनीतिक शख्सियत ने बेहद शातिर भूमिका अदा की है जिसने पहले भी उक्त पैट्रोल पंप मालिको को ''डोंट वरी-मैं हूं ना’’ बोलकर हौंसला दिया हुआ है जिससे मामले से जुड़े पक्ष के लाभ सिंह खुद को फिलहाल घाटे में महसूस नहीं कर रहे हैं। बताया गया है कि यही शख्स केस फाइल के साथ भी सांप बन कर लिपटा हुआ है और अपने धार्मिक चोले के प्रभाव से राजनेताओं के ''शीतल र-मन’’ पर दबाव बनाकर कार्रवाई नहीं होने दे रहा है।
बहरहाल, सवाल बीते एक महीने से जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं लेकिन अफसरशाही सवालों के शोर को अनसुना कर रहे हैं। हैरत यह भी कि इसका संज्ञान लेने वाले राजनेता भी अपने ''शीतल र-मन’’ को इस कार्रवाई को करवाने के लिए नहीं कह रहे हैं। भले निगम कमिश्नर बदल गए हैं लेकिन उनकी लिखी चिट्ठी आज भी मुद्दे को जिंदा और कार्रवाई करने की सिफारिश को जारी रखे हुए हैं।
उधर, ''Harjas Filling Station” वाले मनजोत सिंह ने खुद को दस्तावेजी तौर पर साऊंड बताया है और कहा कि वो कोर्ट भी गए हैं लेकिन कोर्ट की कार्रवाई बिना किसी स्टेआर्डर के जारी है। बावजूद इसके ''जय हिन्द न्यूज़ नैटवर्क’’ जोकि सदैव जनहित मुद्दों को प्रमुखता से प्रकाशित करता है। फिर भी किसी को इस संबंधी अपना कोई पक्ष रखना चाहता है तो संपर्क कर सकता है। उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा। सनद रहे।