जय हिन्द न्यूज/मोहाली
विदेश भेजने का झांसा देकर ठगने के मामले में पुलिस की ओर से नामजद किए जाने के बाद बाद साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) की ट्रेवल फर्म बैस्ट करियर इमीग्रेशन एंड आइलैट्स कोचिंग तथा वीजा कंसलटैंसी सक्षम इंटरप्राइजिज पर जिला प्रशासन ने भी अपना हंटर चलाया है।
जानकारी मिली है कि एडिशनल डिप्टी कमिश्नर, मोहाली कोमल मित्तल ने एक नियमित जांच के बाद दिए अपने फैसलों में उक्त दोनों लाइसैंस धारक ट्रेवल फर्मों बैस्ट करियर तथा वीजा कंसलटैंसी सक्षम इंटरप्राइजिज के संचालकों को पुलिस केसों में नामजद होने तथा ट्रेवल लाइसैंस शर्तों के उल्लंघन दोषी ठहराया है।
एडीसी मित्तल ने विगत 29.03.2022 को सुनाए अपने फैसले में ट्रेवल फर्म बैस्ट करियर जिसका मालिक कुलदीप सिंह गिल जो जैतो (फरीदकोट) के गांव कोठे संपूर्ण सिंह का रहने वाला है, का लाइसैंस रद्द कर दिया है। जांच में पाया कि कुलदीप सिंह गिल ठगी के संगीन मामलों में संलिप्त हो चुका था तथा लाइसैंस की शर्तों का भी उल्लंघन कर चुका था। हालांकि उसके अब चंडीगढ़ की बुडैल जेल में बंद होने की खबर भी प्राप्त हुई है।
वहीं, एक अन्य 25.04.2022 के फैसले में एडीसी ने ट्रेवल फर्म सक्षम इंटरप्राइजिज का लाइसैंस दंड के तौर पर 60 दिनों के लिए सस्पैंड कर दिया है जिसके बाद से अब ट्रेवल फर्म के संचालन पर अगले 60 दिन तक रोक लगा दी गई है। अब इसके बाद भी यदि दोषी करार ट्रेवल फर्म संचालन जारी रखती है, तो उसका लाइसैंस कैंसिल करने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
जानकारी मिली है कि दोनों के खिलाफ जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि सक्षम इंटरप्राइजिज का अजय और बैस्ट करियर का कुलदीप गिल मिलकर पंजाब भर में ठगी का धंधा कर रहे थे। राज्य के भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के सब्जबाग दिखाकर लूट रहे थे। दोनों के पास लाइसैंस तो सिर्फ वीजा सलाहकार का था लेकिन दोनों आवेदकों से मोटी रकम लेकर उनको विदेश में सैटल करने का झांसा देकर मोटी रकमें ठग रहे थे।
बताया जा रहा है कि दोनों के खिलाफ पुलिस के पास काफी शिकायतें भी गई जिसके चलते दोनों के खिलाफ मोहाली, चंडीगढ़ सहित अन्य कई जिलों में मामले दर्ज हो चुके है जिसकी जांच चल रही है। जानकार यह भी बताते हैं कि यह दोनों शातिर ट्रेवल एजैंट लाइसैंस की आड़ में ठगी का धंधा करते चले आ रहे हैं जबकि इनका असली काम फाइनांस का है जिससे यह ठगी रकम का इस्तेमाल अपने धंधे में करके मोटा मुनाफा कमाते रहे हैं।
कुछ पीडि़तों ने नाम न छापने की शर्त पर यह भी बताया कि उन्होंने तो ठगी की रकम वापस लेने के लिए कम रकम में भी समझौता कर लिया जब पुलिस में शिकायत करने पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और समय भी खराब होता दिखाई दिया। उधर, दोनों के पक्ष का इंतजार है।